देश के जाने माने उद्योगपति और बजाज आटो के प्रबंध निदेशक राजीव बजाज ने ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए भारत के उठाए कदमों की तीखी आलोचना की है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि कोरोना संकट से निपटने के संदर्भ में भारत ने पश्चिमी देशों की ओर देखा और कठोर लॉकडाउन लगाने का प्रयास किया जिससे संक्रमण का प्रसार भी नहीं रुका और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) औंधे मुंह गिर गया एवं अर्थव्यवस्था तबाह हो गई।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से किए गए संवाद में राजीव बजाज ने यह भी कहा कि बहुत सारे अहम लोग बोलने से डरते हैं और ऐसे में हमें सहिष्णु और संवेदनशील रहने को लेकर भारत में कुछ चीजों में सुधार करने की जरूरत है। राहुल गांधी ने इस संवाद के दौरान कहा कि कोरोना संकट से निपटने के लिए शुरुआत में राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं जिला अधिकारियों को शक्ति देने की जरूरत थी और केंद्र सहयोग का काम करता।
उन्होंने यह भी कहा कि इस मुश्किल समय में मजदूरों, गरीबों, श्रमिकों, एमएसएमई और बड़े उद्योगों को भी मदद की जरूरत है। उनके लॉकडाउन से जुड़े सवाल पर ‘बजाज ऑटो’ के प्रबंध निदेशक ने कहा, ‘‘मैं यह नहीं समझ पाता कि एशियाई देश होने के बावजूद हमने पूरब की तरफ ध्यान कैसे नहीं दिया। हमने इटली, फ्रांस, स्पेन, ब्रिटेन और अमेरिका को देखा।’’
बजाज के मुताबिक हमने एक कठिन लॉकडाउन को लागू करने की कोशिश की जिसमें कमियां थीं। इसलिए मुझे लगता है कि हमें आखिर में दोनों तरफ से नुकसान हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘कठोर और खामियों वाला लॉकडाउन यह सुनिश्चित करता है कि वायरस अभी भी मौजूद रहेगा। यानी आपने वायरस की समस्या को हल नहीं किया। लेकिन निश्चित रूप से अर्थव्यवस्था को नष्ट कर दिया। संक्रमण को समतल करने के बजाय जीडीपी के ग्राफ (कर्व) को समतल कर दिया।’’
भारत में लागू हुए लॉकडाउन को ड्रैकोनियन बताते हुए राजीव बजाज ने कहा कि दुनिया में हमारे जैसा लॉकडाउन कहीं नहीं था। उन्होंने कहा कि इस तरह का लॉकडाउन मैंने सुना भी नहीं था। बाकी देशों में लोग बाहर निकलने और जरूरी सामानों को खरीदने या किसी से मिलने के लिए स्वतंत्र थे। बजाज ने कहा कि हमारे यहां बाहर निकले लोगों को पुलिस द्वारा पीटा गया, अपमानित किया गया। यहां तक कि बुजुर्गों को भी नहीं बख्शा गया।
संकट से उबरने से जुड़े प्रश्न पर बजाज ने कहा, ‘‘हमें फिर से मांग पैदा करनी होगी, हमें कुछ ऐसा करना होगा जो लोगों के मूड को बदल दे। हमें मनोबल बढ़ाने की आवश्यकता है। मुझे समझ में नहीं आता है कि कोई मजबूत पहल क्यों नहीं की गई है?’’ सरकार की ओर से घोषित आर्थिक पैकेज पर उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देशों में जो सरकारों ने दिया है उसमें से दो तिहाई लोगों के हाथ में गया है। लेकिन हमारे यहां सिर्फ 10 फीसदी ही लोगों के हाथ में गया है। (इंपुट: भाषा के साथ)
WATCH: Shri @RahulGandhi in conversation with Shri Rajiv Bajaj on the COVID19 crisis. #RahulSpeaksUpForIndia https://t.co/pgG8WFSfF9
— Congress (@INCIndia) June 4, 2020