राजदीप सरदेसाई ने गुजरात दंगों पर अर्नब गोस्वामी के दावे को बताया ‘फेंकूगिरी’, नरसंहार के समय राजदीप की कार पर हमला हुआ था अर्नब की नहीं

0

वरिष्ठ पत्रकार, राजदीप सरदेसाई ने पूर्व पत्रकार अर्नब गोस्वामी की 2002 के गुजरात नरसंहार की कवरेज के दावों को ‘फेंकूगिरी’ बताते हुए कहा कि उनके दावों में कोई सच्चाई नहीं है।

गोस्वामी का एक पुराना वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि उन्होंने 2002 में NDTV के लिए गुजरात के दंगों को कवर करते समय कथित तौर पर परेशानियों को देखा था। जबकि उनके इस दावे को खारिज करते हुए सरदेसाई ने लिखा, ‘फेंकूगिरी’ की सीमाएं होती है लेकिन ऐसा देखते हुए मुझे अपने पेशे के लिए खेद है।

जबकि इसी मामले को याद करते हुए एनडीटीवी के गुजरात के संवाददाता रोहित भान ने लिखा कि अगर मैं गलत नहीं हूं तो वह सरदेसाई ही थे जिनकी कार को हिंदुत्व सर्मथकों की भीड़ रोक लिया गया था, न कि रिपब्लिक टीवी के मुखिया और मालिक अर्नब गोस्वामी। भान कहते है कि अगर मैं गलत नहीं हूं तो आप और प्रणव जिनकी कार बंद हो गई थी?

वरिष्ठ पत्रकार सरदेसाई ने इस पर सहमति जताते हुए लिखा कि यह घटना नरेन्द्र गुडावल्ली में हुई थी।

उन्होंने इस पर कहा कि घटनाक्रम गांधीनगर के सरखेज राजमार्ग में हुई थी जो मुख्यमंत्री निवास से कुछ किलोमीटर दूर ही है।

यूजर्स का जवाब देते हुए सरदेसाई ने गोस्वामी के दावे को ‘फेंकूगिरी’ बताया और कहा कि वह केवल आंकड़े जमा कर रहा था।

उन्होंने कहा कि वह केवल आंकड़ों को बनाने पर ध्यान दे रहा था और अगले दिन अगली कहानी पर वह निकल जाता था।

एक पुराने वीडियो में, गोस्वामी ने दावा किया है कि गुजरात 2002 में हुए नरसंहार के दौरान ‘त्रिशूल’ वाले लोगों द्वारा उनकी कार को कैसे रोक दिया गया था, लोग त्रिशूल से उनकी गाड़ियों के शीशे तोड़ रहे थे और पूछ रहे थे कि वे किस धर्म के हैं? वह भी उस समय जब वह मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास सेे सिर्फ 50 मीटर दूर थे।

वीडियो में गोस्वामी आगे कहते है कि मुझे पता है कि यह बेकार है, लेकिन मुझे आपके साथ जीवन की वास्तविकता को साझा करना होगा। यह मुख्यमंत्री के निवास से सिर्फ 50 मीटर की दूरी पर हो रहा था। यह कैसे हुआ मुझे पता नहीं, लेकिन हम पत्रकार है।

Previous articleजबरन वसूली के आरोप में दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर गिरफ्तार
Next articleDisgraced Aung San Suu Kyi says she doesn’t fear ‘international scrutiny’ on genocide against Rohingya Muslims