वरिष्ठ पत्रकार, राजदीप सरदेसाई ने पूर्व पत्रकार अर्नब गोस्वामी की 2002 के गुजरात नरसंहार की कवरेज के दावों को ‘फेंकूगिरी’ बताते हुए कहा कि उनके दावों में कोई सच्चाई नहीं है।
गोस्वामी का एक पुराना वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि उन्होंने 2002 में NDTV के लिए गुजरात के दंगों को कवर करते समय कथित तौर पर परेशानियों को देखा था। जबकि उनके इस दावे को खारिज करते हुए सरदेसाई ने लिखा, ‘फेंकूगिरी’ की सीमाएं होती है लेकिन ऐसा देखते हुए मुझे अपने पेशे के लिए खेद है।
Fekugiri has its limits, but seeing this, I feel sorry for my profession. https://t.co/xOe7zY8rCp
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) September 19, 2017
जबकि इसी मामले को याद करते हुए एनडीटीवी के गुजरात के संवाददाता रोहित भान ने लिखा कि अगर मैं गलत नहीं हूं तो वह सरदेसाई ही थे जिनकी कार को हिंदुत्व सर्मथकों की भीड़ रोक लिया गया था, न कि रिपब्लिक टीवी के मुखिया और मालिक अर्नब गोस्वामी। भान कहते है कि अगर मैं गलत नहीं हूं तो आप और प्रणव जिनकी कार बंद हो गई थी?
If i am not mistaken it was you and pranav whose car was stopped?
— rohit bhan (@rohit_bhan) September 19, 2017
वरिष्ठ पत्रकार सरदेसाई ने इस पर सहमति जताते हुए लिखा कि यह घटना नरेन्द्र गुडावल्ली में हुई थी।
That is correct. And Narendra Gudavalli. https://t.co/rxL5IhYmuY
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) September 19, 2017
उन्होंने इस पर कहा कि घटनाक्रम गांधीनगर के सरखेज राजमार्ग में हुई थी जो मुख्यमंत्री निवास से कुछ किलोमीटर दूर ही है।
Incident was in Gandhinagar Sarkhej highway, few kilometres away from Cm residence. https://t.co/38AmVPeP3j
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) September 19, 2017
यूजर्स का जवाब देते हुए सरदेसाई ने गोस्वामी के दावे को ‘फेंकूगिरी’ बताया और कहा कि वह केवल आंकड़े जमा कर रहा था।
Only setting the record straight. New day, let's move on to the next story! https://t.co/ZknhLbvvw8
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) September 19, 2017
उन्होंने कहा कि वह केवल आंकड़ों को बनाने पर ध्यान दे रहा था और अगले दिन अगली कहानी पर वह निकल जाता था।
Only setting the record straight. New day, let's move on to the next story! https://t.co/ZknhLbvvw8
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) September 19, 2017
एक पुराने वीडियो में, गोस्वामी ने दावा किया है कि गुजरात 2002 में हुए नरसंहार के दौरान ‘त्रिशूल’ वाले लोगों द्वारा उनकी कार को कैसे रोक दिया गया था, लोग त्रिशूल से उनकी गाड़ियों के शीशे तोड़ रहे थे और पूछ रहे थे कि वे किस धर्म के हैं? वह भी उस समय जब वह मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास सेे सिर्फ 50 मीटर दूर थे।
वीडियो में गोस्वामी आगे कहते है कि मुझे पता है कि यह बेकार है, लेकिन मुझे आपके साथ जीवन की वास्तविकता को साझा करना होगा। यह मुख्यमंत्री के निवास से सिर्फ 50 मीटर की दूरी पर हो रहा था। यह कैसे हुआ मुझे पता नहीं, लेकिन हम पत्रकार है।