कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोहराबुद्दीन मामले में एक अन्य न्यायाधीश को बदले जाने पर आज सवाल उठाए। पूर्व में इसी मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश लोया की मौत हो गई थी और उनकी मौत से जुड़ी याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय सुनवाई कर रहा है।
file PHOTO: @OfficeOfRGन्यूज़ एजेंसी भाषा की ख़बर के मुताबिक, राहुल ने मंगलवार(27 फरवरी) को ट्वीट कर कहा कि, ‘सोहराबुद्दीन मामले में एक और न्यायाधीश बदल गई।’ उन्होंने कहा, ‘न्यायमूर्ति रेवती डेरे को हटा दिया गया जिन्होंने सीबीआई को चुनौती दी। न्यायमूर्ति जे उत्पत ने अमित शाह से पेश होने के लिए कहा था और उन्हें हटा दिया गया।’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘न्यायमूर्ति लोया ने कड़े शब्द पूछे थे, उनकी मौत हो गई।’ उन्होंने यह ट्वीट इस हैशटैग के साथ किया है, ‘लोया की मौत कैसे हुई।’
बता दे कि, राहुल ने अपने इस ट्वीट के साथ एक वेबसाइट पर प्रकाशित खबर को टैग किया है जिसका शीर्षक है, ‘सोहराबुद्दीन शेख केस: ताजे सवाल क्योंकि मीडिया पर खबर प्रकाशन की रोक हटाने वाली और सीबीआई को आड़े हाथ लेने वाली न्यायाधीश को बदला गया।’
The Sohrabuddin case claims yet another Judge.
Justice Revati Dere, who challenged the CBI has been removed.
Judge J T Utpat, asked Amit Shah to appear and was removed.
Judge Loya asked tough questions. He died. #HowDidLoyaDie? https://t.co/iNFLVIEQni
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 27, 2018
बता दें कि, गुजरात के बहुचर्चित कथित सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे को ‘रूटीन’ प्रक्रिया के तहत सुनवाई से हटा दिया गया है। गौरतलब है कि, उन्होंने तीन महीने पहले इस मामले से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की थी। तीन सप्ताह से वह इस मामले पर रोज सुनवाई कर रही थीं। उनकी जगह जस्टिस एन.डब्ल्यू. साम्बरे को यह मामला सौंपा गया है।
हाई कोर्ट की वेबसाइट पर 23 फरवरी की शाम प्रकाशित सूचना में कहा गया है कि इन याचिकाओं की सुनवाई करने वाले न्यायाधीश रेवती मोहित डेरे अब आपराधिक समीक्षा आवेदनों पर सुनवाई नहीं करेंगी। न्यायमूर्ति मोहिते डेरे के अलावा कुछ अन्य न्यायाधीशों के कामकाज में भी बदलाव किया गया है।
बता दें कि, 21 फरवरी को जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे ने सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस की सुनवाई करते हुए कहा था कि सीबीआई इस मामले में ‘पर्याप्त रूप से सहयोग करने में नाकाम’ रही है। सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस में कुछ पुलिस अधिकारियों को बरी किए जाने के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे ने ये बात कही।