#MeToo अभियान पर राहुल गांधी ने तोड़ी चुप्पी, लेकिन एम जे अकबर का नहीं लिया नाम

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देश भर में चल रहे ‘मी टू’ अभियान के तहत हर रोज चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं l देश में जारी ‘मी टू’ अभियान की लहर गुरुवार (11 अक्टूबर) को भी जारी रही और बॉलीवुड के शोमैन सुभाई घई, लेखक-निर्देशक पीयूष मिश्रा, फिल्ममेकर साजिद खान और लेखक सुहेल सेठ भी निशाने पर आए।

फाइल फोटो: राहुल गांधी

कामकाज की जगह पर होने वाले यौन शोषण के खिलाफ चल रही इस मुहिम का आज भी कई लोगों ने समर्थन किया।वहीं, अब ‘मी टू’ पर  कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा कि वक्त आ गया कि सभी लोग महिलाओं के साथ सम्मान और गरिमा से पेश आएं।

राहुल गांधी ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए लिखा, ‘समय आ गया है कि सभी लोग महिलाओं के साथ सम्मान और गरिमा से पेश आने का सलीका सीखें। मुझे खुशी है कि ऐसा नहीं करने वालों के लिए अब जगह खत्म हो रही है। बदलाव लाने के लिए सच को तेज और स्पष्ट तौर पर कहने की जरूरत है।’

बता दें कि, इससे पहले गुरुवार को राहुल गांधी से मीटू कैंपेन पर टिप्पणी देने के लिए आग्रह किया गया था, तब उन्होंने बहुत बड़ा मुद्दा कहते हुए जवाब देने से इनकार कर दिया था। उन्होंने राफेल सौदे पर बुलाए गए प्रेस कांफ्रेंस में कहा था, ‘मी टू एक बहुत बड़ा मुद्दा है और मैं उस मुद्दे पर बाद में एक संवाददाता सम्मेलन में बोलूंगा। मैं अपना व्यापक मत दूंगा।’

समाज में जोर पकड़ रहे ‘मी टू अभियान’ का एक प्रकार से समर्थन करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने गुरुवार को कहा था कि इस बारे में आवाज उठाने वालों को इंसाफ मिलना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि इस तरह की आवाज उठाने वाली महिलाओं का उपहास नहीं उड़ाया जाना चाहिए। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री स्मृति ने अपने साथी मंत्री एम जे अकबर से उनपर लगे यौन शोषण के आरोपों पर चुप्पी तोड़ने को कहा।

समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपने मंत्रिमंडल सहयोगी एम जे अकबर के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर कुछ कहने से इनकार कर दिया। किन्तु उन्होंने यह जरूर कहा कि उन महिलाओं के साथ इंसाफ होना चाहिए जो अपनी बात रख रही हैं। वहीं बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा और कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने मामले पर कुछ भी कहने से मना कर दिया।

बता दें कि एम जे अकबर अभी विदेश दौरे पर हैं। उनके रविवार को वापस लौटने की संभावना है। फिलहाल, उन्होंने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। वहीं कांग्रेस, माकपा और शिवसेना ने  एम जे अकबर के इस्तीफे की मांग की हैं।

भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक शीर्ष पदाधिकारी ने देश में वर्तमान में चल रहे ‘मी टू’ अभियान को समर्थन दिया। आरएसएस के सर सहकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने आंखी दास के फेसबुक पोस्ट को अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर कर ‘मी टू’ अभियान पर अपने विचार व्यक्त किए। दास फेसबुक की पब्लिक पॉलिसी निदेशक हैं।

दास ने अपने पोस्ट में कहा था, ‘जिन महिला पत्रकारों ने अपने उत्पीड़न के बारे में बताया था उनके समर्थन के लिए #मी टू की जरूरत नहीं है। आपको महिला होने की भी जरूरत नहीं है। आपको महज इतना संवेदनशील होने की जरूरत है कि क्या सही है और क्या गलत है।’ होसबोले ने उनके पोस्ट को ट्वीट किया और कहा, ‘मैंने इसे लाइक किया। उन्होंने वहीं लिखा है जो मैं महसूस कर रहा था।’

बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी सरकार से इस मामले पर निर्णय लेने को कहा। उन्होंने कहा कि वह (अकबर) सरकार का हिस्सा हैं और इस बारे में सरकार ही निर्णय करेगी। बता दें कि विभिन्न समाचार संस्थानों में संपादक पद पर रहते हुए अकबर पर कुछ महिला पत्रकारों के यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल मंत्रिमंडल से उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

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