कांग्रेस ने मंगलवार साफ़ साफ़ लफ़्ज़ों में कह दिया कि पार्टी के उपाद्यक्ष राहुल गांधी आरएसएस के खिलाफ दिए गए बयान को लेकर माफी नहीं मांगेंगे।
पार्टी ने कहा कि उनके नेता अपने दावे को सही साबित करने के लिए कोर्ट में ऐतिहासिक तथ्य और सबूत पेश करेंगे।
जनसत्ता की खबर के अनुसार, कांग्रेस के प्रमुख प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “राहुल गांधी के माफी मांगने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। ऐसा ही सुझाव पहले भी दिया गया था, जिसे राहुल गांधी ने स्वीकार नहीं किया था। राहुल गांधी परिपक्व नेता हैं और उन्हें ऐतिहासिक तथ्यों की जानकारी है।”
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि के एक केस में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी मंगलवार को सख्त टिपण्णी की थी। कोर्ट ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि या तो खेद जताइए या फिर मुकदमे का सामना कीजिए। कोर्ट ने यह टिप्पणी राहुल गांधी के एक बयान पर दायर मानहानि के मामले की सुनवाई करते हुए की। उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया था। कोर्ट ने कहा कि राहुल गांधी को इस बात का सबूत देना होगा कि यह बयान जनहित में दिया गया। केस का फैसला इसी मेरिट पर होना चाहिए कि यह बयान आम लोगों के हित में था या नहीं। कोर्ट ने कहा कि आप पूरे संगठन को इस तरह बदनाम नहीं कर सकते। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को इस मामले में 27 जुलाई तक विस्तार से अपना पक्ष रखने के लिए कहा है।
मंगलवाल को ही कांग्रेस समर्थकों ने ट्विटर पर #RSSKilledGandhi के नाम से एक हशतग भी लांच किया था जो कई घंटों तक सोशल मीडिया पर ट्रेंड करता रहा। सोशल मीडिया यूज़र्स ने गांधी की हत्या के समय प्रकाशित रिपोर्ट्स को ट्वीट करते हुए ये साबित करने की कोशिश कि राष्ट्रपिता की हत्यारे नाथूराम गोडसे को आरएसएस का समर्थन हासिल था।
सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी राहुल गांधी को बयान पर खेद जता कर मामले को खत्म करने का सुझाव दिया था। उन्होंने यह सुझाव मानने से इंकार कर दिया था। राहुल गांधी ने कहा था कि वह इस मामले का सामना करेंगे। पिछले साल नंवबर में न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति प्रफुल्ल सी पंत की पीठ ने कहा था कि हमें लगता है कि इस मामले को शालीन तरीके से खत्म किया जा सकता है और मानहानि के मामले को निपटाया जा सकता है। राहुल गांधी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि वह मामले में बहस करना पसंद करेंगे। राहुल ने कथित तौर पर चुनाव प्रचार के दौरान एक भाषण में महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया था। इस बयान के विरोध में कई जगह उनके खिलाफ याचिकाएं दायर की गई हैं।
पढ़िए ट्विटर से ली गई कुछ प्रतिक्रियायें:
It's a known fact that RSS was responsible for Gandhiji's murder & Sardar Patel banned RSS 4 this. #RSSKilledGandhi pic.twitter.com/4Cw4YBxrjp
— Roji M John (@rojimjohn) July 19, 2016
If he wasn't one of you then why this? #RSSKilledGandhi https://t.co/iVJQ4HWNCA
— Hasiba ? (@HasibaAmin) July 19, 2016
https://twitter.com/threeinchfooll/status/755389204637491201
Just cause we have a Godse masquerading as Mahatma Gandhi as PM doesn't change the fact that our PM's Alma Mater #RSSKilledGandhi
— Tehseen Poonawalla (@tehseenp) July 19, 2016
https://twitter.com/DasBolshevik/status/755377416059715584
Plan Murder
Execute Murder
Celebrate Murder
Worship Murderer
➡Then Claim Innocence❗@rkhuria #RSSKilledGandhi pic.twitter.com/kg5bIvDku3— Geet V (@geetv79) July 19, 2016
Well SC just needs to take a look at open Godse worship by BJP office bearers when deciding on if #RSSKilledGandhi ? pic.twitter.com/nayeeHsbyl
— Sir Chetan Bhagat (@chetan_bhaqat) July 19, 2016
It was RSS leader who gave the revolver to Godse before he assassinated Gandhi#RSSKilledGandhi pic.twitter.com/d4P8Tqmom7
— Vinay Kumar Dokania (@VinayDokania) July 19, 2016
RSS distributed sweets though not guilty, Patel said on Gandhi's killing https://t.co/j5Xpho0f0D#RSSKilledGandhi
— Riyaz Ahmed (@simpleriyaz) July 19, 2016