सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा बदलाव की तैयारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार इस कानून को कमजोर करने की तैयारी में है। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी आरटीआई में बदलाव का विरोध किया है। दरअसल, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक संसोधन के जरिए सरकार सूचना आयुक्तों का कार्यकाल और वेतन का अधिकार अपने हाथ में लेने की तैयारी में है।
file photo- @INCIndiaराहुल गांधी ने आरटीआई विधेयक में प्रस्तावित संशोधन की आलोचना करते हुए गुरुवार (19 जुलाई) को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी सच्चाई छिपाने में विश्वास करती है। कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्वीट कर कहा, हर भारतीय को सच्चाई जानने का अधिकार है। बीजेपी का मानना है कि सत्य लोगों से छिपा होना चाहिए और उन्हें सत्ता में बैठे लोगों से सवाल नहीं करना चाहिए। आरटीआई में प्रस्तावित संधोधन इसे बेकार बना देंगे।
Every Indian has the right to know the truth. The BJP believes the truth must be hidden from the people and they must not question people in power. The changes proposed to the RTI will make it a useless Act. They must be opposed by every Indian. #SaveRTI pic.twitter.com/4mjBTwQnYK
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 19, 2018
उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार (संशोधन) विधेयक 2018 का हर भारतीय द्वारा विरोध किया जाना चाहिए। दरअसल, केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा था कि वह सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम, 2005 में संशोधन करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आरटीआई एक्ट में प्रस्तावित संशोधन के अनुसार सीआईसी और सूचना आयुक्तों के लिए वेतन, भत्ते और सेवा शर्तें उसी तरह होंगी जैसे केंद्र सरकार इसे निर्धारित करेगी। आरटीआई कार्यकर्ता यह कह कर इसका विरोध कर रहे हैं कि इस संशोधन का मकसद सूचना आयुक्तों के ओहदे को कम करना है।