कांग्रेस नेता राहुल गांधी बिहार के उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी द्वारा उनके खिलाफ दायर मानहानि के एक मामले के सिलसिले में शनिवार (6 जुलाई) को पटना की अदालत में पेश हुए। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मानहानि मामले में पटना कोर्ट ने राहुल गांधी को जमानत दे दी है। दोपहर करीब दो बजे राहुल गांधी कोर्ट में पेश होने के लिए पटना पहुंचे, जहां भारी संख्या में उपस्थित कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका दोरदार स्वागत किया।

सुशील मोदी ने गत अप्रैल में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत में यह मामला दायर किया था। लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान एक जनसभा में राहुल ने कहा था कि मोदी सरनेम वाले सभी चोर क्यों होते हैं। इस पर सुशील ने उनके खिलाफ याचिका दायर की थी।
अदालत में पेश होने से पहले राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘सत्यमेव जयते।’’ राहुल गांधी ने पटना पहुंचने से पहले ट्वीट कर कहा, ‘‘मैं पटना की दीवानी अदालत में दिन में दो बजे पेश होऊंगा। आरएसएस/भाजपा में मेरे राजनीतिक विरोधियों की ओर से मुझे परेशान करने और धमकाने के लिए दायर किया गया यह एक और मामला है। सत्यमेव जयते।’’
I will appear in person at the Civil Court in Patna today at 2 PM, in yet another case filed against me by my political opponents in the RSS/ BJP to harass & intimidate me.
Satyameva Jayate ?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 6, 2019
दरअसल, राहुल गांधी को बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी द्वारा उनके खिलाफ दायर मानहानि के एक मामले के सिलसिले में शनिवार दोपहर पटना की एक अदालत में पेश होना पड़ा। सुशील मोदी ने उक्त मामला राहुल गांधी द्वारा कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली में की गई टिप्पणी करने पर आपत्ति जताते हुए दायर किया था कि सभी चोरों के उपनाम मोदी क्यों हैं?
राहुल गांधी का इशारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बैंक धोखाधड़ी आरोपी नीरव मोदी और इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी की ओर था। बता दें कि राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस सप्ताह के शुरू में कांग्रेस प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था।
मीडिया के एक वर्ग से ऐसी भी खबरें आ रही थी कि राहुल गांधी चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों का जायजा लेने मुजफ्फरपुर भी जा सकते हैं, लेकिन प्रशासन ने इसकी इजाजत नहीं दी। प्रशासन का कहना है कि वीआईपी दौरों से पीड़ित बच्चों और उनके परिजनों को दिक्कत होती है। बता दें कि एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम यानी चमकी बुखार से 150 से अधिक मासू्म बच्चों की मौत हो चुकी है।