प्रभात ख़बर के अनुसार, उन्होंने कहा है कि वो पार्टी के सिपाही हैं और सेनापति के आदेश का इंतजार है। जैसे ही सेनापति का आदेश मिला तो वह मारकर जदयू का गरदा झाड़ देंगे। रघुवंश प्रसाद ने कहा था कि नीतीश ने यूपी में बीजेपी की मदद की है। मंगलवार को रघुवंश प्रसाद इन्हीं नेताओं के बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि महागठबंधन में आरजेडी सहिष्णुता का धर्म निभा रहा है। नीतीश कुमार तो हमेशा बीजेपी के पक्ष में बयान देते रहते हैं। रघुवंश ने कहा कि पहले नोटबंदी पर खुलकर नीतीश ने पीएम मोदी की प्रशंसा की और फिर यूपी चुनाव में मौन रहकर। नीतीश का ये रवैया गठबंधन धर्म के खिलाफ है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जदयू के राष्ट्रीय महासचिव और विधानसभा में दल के उपनेता श्याम रजक ने कहा कि राजद को रघुवंश प्रसाद सिंह को दल से बाहर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि रघुवंश प्रसाद सिंह स्तरहीन शब्दों से हमारे नेता का उपहास उड़ा रहे हैं। उनके इस स्तरहीन वक्तव्य से जदयू मर्माहत है।
जदयू का मर्माहतपन कहीं गुस्से का रूप न धारण कर ले इसके पहले ही राजद शीघ्रता से सिंह को दल से बाहर करने का निर्णय करे। महागठबंधन में शामिल राजद और जदयू में जारी इस जुबानी जंग का लाभ उठाते हुए प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश चुनाव परिणाम के बाद महागठबंधन बिखराव की ओर बढ़ रहा है।
बिहार विधान परिषद सदस्य नीरज ने भी रघुवंश द्वारा बार-बार की जा रही टिप्पणी पर एतराज जताते हुए कहा कि जदयू के वरिष्ठ नेता तथा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव और राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने राजद नेतृत्व से कहा है कि वह रघुवंश को बेतुकी बयानबाजी करने से रोके लेकिन इसके बावजूद वे मुख्यमंत्री के खिलाफ टिप्पणी करने से बाज नहीं आ रहे। उन्होंने कहा कि अगर राजद नेतृत्व रघुवंश की टिप्पणी से इत्तेफाक नहीं रखता है तो वह उनके खिलाफ कार्रवाई करे।