आज शाहरुख ने अपनी नई फिल्म ‘रईस’ का ट्रेलर लांच किया है। फिल्म रईस 1980 के दशक में गुजरात आधारित यह ऐक्शन-थ्रिलर फिल्म एक ऐसे शराब तस्कर की कहानी है, जिसके धंधे को एक सख्त पुलिस अधिकारी ने चौपट कर दिया।
फिल्म रईस, 1980 के दशक के गुजरात की कहानी है और और इस फिल्म में शाहरुख़ एक क्रूर और तस्कर डॉन की भूमिका में है और नवाजुद्दीन सिद्दकी एक पुलिस ऑफिसर की भूमिका में है और वास्तव में यह फिल्म अहमदाबाद के डॉन अब्दुल लतीफ़ के जीवन पर आधारित है।
यह फिल्म गुजरात के गैंगस्टर रहे अब्दुल लतीफ के जीवन पर आधारित बताई जा रही है। लतीफ के बेटे अहमदाबाद कि एक कोर्ट में पिटीशन फाईल की थी, जिसमें पिता का नाम खराब करने का आरोप लगाते हुऐ 101 करोड़ रुपए की मानहानी का दावा भी ठोका है।
अब्दुल लतीफ की कहानी
अहमदाबाद के दरियापुर इलाके में रहने वाले अब्दुल लतीफ ने कालूपुर ओवरब्रिज के पास देशी शराब बेचने की शुरुआत कर क्राइम की दुनिया में कदम रखा था। धीरे-धीरे उसने अंग्रेजी शराब बेचनी भी शुरू कर दी. इससे अच्छी कमाई कर लेने के बाद लतीफ ने शहर के कोट इलाके में रहने वाले बदमाशों को अपनी गैंग में शामिल कर लिया। लतीफ ने हथियार सप्लाई करने वाले शरीफ खान से हाथ मिलाया और शराब के साथ-साथ हथियारों की भी तस्करी करने लगा। कुछ ही सालों में लतीफ गैंगस्टर बन चुका था, लेकिन किसी भी गैंगवार में वह खुद सामने नहीं रहा।
मीडिया रिपोट्स के अनुसार, मुश्ताक ने शाहरुख पर इस फिल्म के जरिए अपने पिता का नाम खराब करने का आरोप लगाया है। साथ ही फिल्म की रिलीज और प्रमोशनल मटेरियल के जारी होने पर रोक की मांग की है। उनका दावा है कि फिल्म के दूसरे हिस्से में लतीफ को गलत तरीके से पेश किया गया है। मुश्ताक का कहना है कि लतीफ को गुजरे हुए कई साल हो चुके हैं। आज उनका परिवार एक अच्छी और इज्जतदार जिंदगी जी रहा है। ऐसे में एक बार फिर उन लोगों का नाम जब लतीफ के नाम के साथ जो़ड़ा जा रहा है तो इससे उनकी परेशानियां और बढ़ रही हैं।
मुश्ताक का कहना है कि फिल्म की स्क्रिप्ट लिखे जाते वक्त कुछ लोग उनकी फैमिली से मिलने आए थे। प्रोड्यूसर्स इस बात का प्रचार भी कर रहे हैं कि फिल्म लतीफ की जिंदगी पर आधारित है। अगर ये सच है तो इस फिल्म की कहानी का अंदाजा लतीफ को जानकर ही लगाया जा सकता है।