पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपने ही कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ रोड रेज एवं गैर इरादतन हत्या के मामले में तीन साल की सजा बरकरार रखने का समर्थन किया है। पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि रोडरेज के मामले में राज्य के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा दोषी ठहराया जाना सही फैसला था।
Photo: livelaw.inबता दें कि यह मामला 30 साल पुराना वर्ष 1998 के रोडरेज का है, जिसमें सिद्धू को निचली अदालत ने तो आरोपमुक्त कर दिया था, लेकिन 2006 में हाईकोर्ट ने फैसले को पलटते हुए सिद्धू को गैर इरादतन हत्या का दोषी पाया और तीन वर्ष कैद की सजा सुना दी थी। सिद्धू ने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।
पंजाब सरकार की ओर से उपस्थित वकील ने जस्टिस जे. चेलमेश्वर और संजय किशन कौल की पीठ के समक्ष कहा कि सिद्धू द्वारा मुक्का मारने से पटियाला निवासी गुरनाम सिंह की मौत हो गई थी। सरकार ने कहा कि निचली अदालत का यह निष्कर्ष गलत था कि सिंह की मौत ब्रेन हैमरेज से नहीं बल्कि हृदय गति रुकने से हुई थी।
बता दें कि सिद्धू फिलहाल पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री है। पंजाब सरकार के वकील ने कहा कि निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट ने सही निरस्त किया था। आरोपी (नवजोत सिंह सिद्धू) ने गुरनाम सिंह को मुक्का मारा था, जिससे ब्रेन हैमरेज हुआ और उनकी मौत हो गई।
इस मामले में नवजोत सिंह सिद्धू ने अमरिंदर सरकार के खिलाफ सीधे तौर पर कुछ तो नहीं कहा है, लेकिन अदालत के फैसले पर अपनी राय दी है। इस पूरे मामले में उन्होंने कहा, ‘मेरी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं है क्योंकि न्याय सर्वोपरि है।’