प्रयागराज में गंगा किनारे रेत में दफन शवों के ऊपर से कपड़े और लकड़ी हटाने वालों की होगी जांच, वीडियो शेयर कर प्रियंका गांधी ने सरकार पर साधा निशाना

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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा किनारे रेत में दफन शवों के ऊपर रखी गई लाल-पीली चुनरी हटाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इस मामले की जांच के आदेश दिए गए है। आदेश में कहा गया है कि, दोषी पाए गए व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएंगी। वहीं, इस मामले को लेकर प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के नेताओं ने इसके लिए योगी सरकार की आलोचना की है।

प्रयागराज

डीएम भानु चंद्र गोस्वामी और डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने मंगलवार को इसकी जांच के लिए कमेटी गठित की। अधिकारीयों ने यह कदम सोशल मीडिया पर वायरल हुए शृंग्वेरपुर के एक वीडियो को संज्ञान में लेते हुए उठाया है। आदेश में कहा गया है कि यह प्रकरण अत्यंत गंभीर और संवेदनशील प्रकृति का है। कमेटी इसके सभी पहलुओं की विस्तृत जांच करेगी।

कमेटी यह भी देखेगी कि ऐसे अति संवेदनशील प्रकरण में किन तत्वों द्वारा इस प्रकार का कृत्य किया गया है और उनकी मंशा क्या थी। कमेटी दोषी पाए गए व्यक्तियों के खिलाफ समुचित विधिक कार्रवाई सुनिश्चित करते हुए अपनी जांच आख्या जल्द प्रस्तुत करेगी।

प्रियंका गांधी एक वीडियो शेयर करते हुए अपने ट्वीट में लिखा, “जीते जी ढंग से इलाज नहीं मिला। कितनों को सम्मान से अंतिम संस्कार नहीं मिला। सरकारी आंकड़ों में जगह नहीं मिली। अब कब्रों से रामनामी भी छीनी जा रही है। छवि चमकाने की चिंता में दुबली होती सरकार पाप करने पर उतारू है। ये कौन सा सफाई अभियान है? ये अनादर है-मृतक का, धर्म का, मानवता का।”

 

यूथ कांग्रेस के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष बीवी श्रीनिवास ने ट्वीट करके योगी सरकार पर हमला बोला है। उन्‍होंने यही वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘किन शब्दों में इन दृश्यों को बयां करू पता नहीं, लेकिन जो हो रहा है वो कोई धर्म इजाजत नही देता। ये दुस्साहस मत कीजिये योगी जी, आज नहीं तो कल एक दिन सबकी बारी आनी है।’

कांग्रेस ने भी अपने ट्विटर हैंडल से एक वीडियो ट्वीट किया है। इसमें पीछे पीएम मोदी का भाषण चल रहा है और नीचे रेत में दफन किए गए शवों की कतारें हैं। स्‍क्रीन पर कोरोना से यूपी में मरने वालों के आंकड़े हैं। ट्वीट के साथ लिखा है, ‘सच पर वार करके बीजेपी अपनी नाकामी को छिपाना चाहती है, जो संभव नहीं है। सच लाशों के रूप में तैर रहा है, रेत में दबा है और चिताओं में जल रहा है। प्रधानमंत्री अपनी जिम्‍मेदारी से बचान चाहते हैं।’

गौरतलब है कि, प्रयागराज में गंगा किनारे रेत में दफन शवों के ऊपर से चादरें और उनके आस-पास से लकड़ियां इसलिए हटाई गई है ताकि वहां दफन शवों की पहचान न हो सके। ख़बरों के मुताबिक, रविवार रात को प्रशासन ने श्रृंगवेरपुर घाट पर रातों-रात जेसीबी और मजदूर लगाकर शवों के निशान मिटा डाले। घाट पर लोगों ने अपने प्रियजनों के शवों की पहचान के लिए जो बांस और चुनरियों से निशान बनाए थे, वो अब पूरी तरह गायब हैं। बताया जा रहा है कि प्रशासन ने ये काम इतने गुपचुप तरीके से करवाया कि स्थानीय लोगों को भी भनक नहीं लगी।

दरअसल, सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में चुनरी और लकड़ी से ही इस बात की पहचान हो रही थी कि शव दफन किए गए हैं। बता दें कि, चुनरी लगे शवों का फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी, जिसको लेकर भाजपा सरकार की जमकर आलोचना भी हुई थी।

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