जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से राज्य में हालात सामान्य बनाने की कोशिश लगातार जारी है। शांति बहाली की कोशिशों के बीच ऐहतियात के तौर पर बंद किए गए श्रीनगर के 190 से ज्यादा प्राइमरी स्कूल दो सप्ताह बाद सोमवार(19 अगस्त) को एक बार फिर से खोल दिए गए हैं। जिन क्षेत्रों में स्कूल खुले हैं उनमें लासजान, सांगरी, पंथचौक, नौगाम, राजबाग, जवाहर नगर, गगरीबाल, धारा, थीड, बाटमालू और शाल्टेंग शामिल हैं। अधिकारियों का कहना है कि सीनियर क्लासेज के स्कूल फिलहाल बंद रहेंगे, हालात सामान्य होते ही अन्य जिलों के स्कूल भी खोल दिए जाएंगे।

जम्मू-कश्मीर के प्रधान सचिव रोहित कंसल ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि अभी केवल श्रीनगर के प्राइमरी स्कूलों को ही दोबारा खोला जा रहा है। जिन क्षेत्रों में विद्यालय खोले जाएंगे उनमें लासजान, सांगरी, पंथचौक, नौगाम, राजबाग, जवाहर नगर, गगरीबाल, धारा, थीड, बाटमालू और शाल्टेंग शामिल हैं। स्थिति सामान्य होते ही धीरे-धीरे अन्य क्षेत्रों के स्कूलों में भी पढ़ाई शुरू हो जाएगी। कंसल ने बताया कि कश्मीर घाटी में पाबंदियों में दी गई ढील जारी है। स्थानीय अधिकारी हालातों का जायजा ले रहे हैं। जल्द ही कुछ और पाबंदियां हटाई जा सकती हैं।
रोहित कंसल ने बताया कि श्रीनगर के उपायुक्त शाहिद इकबाल चौधरी ने शनिवार को शिक्षा विभाग के अधिकारियों और विद्यालयों के प्रमुखों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में जिले में विद्यालयों को खोलने को लेकर गहन चर्चा हुई। विद्यार्थियों की सुरक्षा जिला प्रशासन की मुख्य चिंता है और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं।
J&K Principal Secy (Planning Commission) R Kansal:As of now,we've reports of 2 injuries; both are reported to be minor injuries. We'll endeavor that landline communication is restored to its full functionality as soon as possible,subject to physical limitation that BSNL is facing pic.twitter.com/0t3vsTgv28
— ANI (@ANI) August 18, 2019
इसके साथ ही लैंडलाइन सेवाओं को भी आज से बहाल कर दिया जाएगा। बता दें कि कश्मीर घाटी के 50 पुलिस थाना क्षेत्रों में रविवार को प्रतिबंधों में ढील दी गई। लेकिन श्रीनगर के कुछ हिस्सों में हिंसा की छिटपुट घटनाओं के बाद प्रतिबंधों को और कड़ा कर दिया गया। इस बीच, जम्मू क्षेत्र के पांच जिलों में इंटरनेट सेवाओं की बहाली के एक दिन बाद इसे फिर से बंद कर दिया गया।
हालांकि, श्रीनगर के निवासियों ने कहा कि सभी लैंडलाइन को बहाल नहीं किया गया था। कंसल ने यह भी स्वीकार किया कि श्रीनगर के डिप्टी कमांडर शाहिद चौधरी की टेलीफोन लाइन को भी रविवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस से कुछ मिनट पहले ही बहाल किया गया था।
इस बीच श्रीनगर में कई स्थानीय लोगों को यह कहते हुए सुना गया कि भले ही सरकार ने प्राथमिक स्कूल खोलने का फैसला किया हो, लेकिन कई हिस्सों के निवासियों ने फैसला किया है कि वो अपने बच्चों को अभी स्कूल नहीं भेज सकते। ‘जनता का रिपोर्टर’ से बात करते हुए एक स्थानीय निवासी ने कहा, “अब तक, सरकार द्वारा लगाए गए कर्फ्यू के हिस्से के रूप में सभी स्कूल बंद थे, अब ये माता-पिता यह देखने की योजना बनाएंगे कि नागरिक कर्फ्यू के रूप में वर्णित किया जा रहा है।”
गौरतलब है कि, केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त करने और जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख नाम से दो केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले से पहले चार अगस्त की आधी रात से ही राज्य में मोबाइल फोन, इंटरनेट, लैंडलाइन सेवाओं सहित टेलीफोन सेवाएं स्थगित कर दी गई थीं।