VIDEO: CAA लागू नहीं करने वाले राज्यों में लगेगा राष्ट्रपति शासन, BJP सांसद की चेतावनी

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नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लेकर देशभर में चल रहे विरोध-प्रदर्शनों के बीच मध्य प्रदेश के होशंगाबाद से भाजपा सांसद उदय प्रताप सिंह का चेतावनी देते हुए बयान सामने आया है जिसमें वो कह रहे हैं जो राज्य CAA लागू नहीं करेंगे वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा है कि संसद में कानून पास हुआ है राज्य सरकारें और नागरिक इसे मानने के लिए बाध्य हैं, अगर नहीं पालन होगा तो राष्ट्रपति शासन लगेगा। भाजपा सांसद का यह बयान पंजाब, छत्तीसगढ़ और केरल सहित कई राज्यों के CAA का विरोध करने के बाद सामने आया है।

राष्ट्रपति शासन

भाजपा सांसद उदय प्रताप सिंह ने अपने बयान में कहा, “एक गणतंत्रीय व्यवस्था हमारे देश की है। भारत की सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा में जो प्रस्ताव पास किया है, उन दलों के लोग वहां पर थे। आप अल्पमत में थे, आप पराजित हुए। आपको मौका मिला वहां बहस में शामिल होने का, आपको मौका मिला मतदान का, उसके बाद वो प्रस्ताव पास हुआ। देश में संविधान में संशोधन करके कानून बना है। उस कानून को प्लान करने के लिए राज्य सरकारें बाध्य हैं और अगर राज्य सरकार उस कानून का पालन नहीं करेगी तो मुझे लगता है राष्ट्रपति को निर्णय करना पड़ेगा, उन राज्य सरकारों को भंग करके वहां पर राष्ट्रपति शासन लगाकर राज्यपाल गवर्न्ड स्टेट करने का।”

उन्होंने आगे कहा, “और ये 356 धारा का इस्तेमाल जो हिंदुस्तान में अनेक बार पहले हुआ है, वो नहीं भूलें कि हिंदुस्तान एक फेडरल स्ट्रक्चर के हिसाब से चलने वाला देश है। अगर भारत सरकार द्वारा बनाया गया ऐसा कानून जो बाध्य है राज्य सरकार और नागरिक पालन करने के लिए जो उसका पालन नहीं करेगा स्वाभाविक रूप से कानून सम्मत निर्णय भारत की सरकार, कैबिनेट करेगी और राष्ट्रपति उसके अनुसार निर्णय करेंगे। आवश्यकता होगी अगर राज्य सरकार कहीं भंग करके भी देश के कानून को स्थापित करने का काम सरकार को करना पड़ेगा वो भी भारत की सरकार करेगी।”

बता दें कि, नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ गैर-भाजपा शासित राज्यों ने मोर्चा खोला हुआ है। राज्यों का कहना है कि वह अपने यहां इस नए कानून को लागू नहीं होने देंगे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार सीएए के विरोध में रैलियां और पैदल मार्च कर रही हैं। उन्होंने कहा है कि वह पश्चिम बंगाल में इस कानून को लागू नहीं होने देंगी। वहीं सीएए के खिलाफ एकजूट होने के लिए केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने शुक्रवार को 11 राज्यों के गैर-बीजेपी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा।

गौरतलब है कि, नागरिकता संशोधन कानून का कांग्रेस, टीएमसी समेत लगभग सभी विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं। दिल्ली, यूपी, पश्चिम बंगाल, बिहार, असम में इस ऐक्ट के विरोध में जोरदार प्रदर्शन हुए थे। देश की कई हिस्सों में लोग इसका विरोध करते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली में भी हिंसक प्रदर्शन हुए थे।

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