राष्ट्रपति चुनाव में नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट (एनडीए) की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार(23 जून) को अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह, पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे। बता दें कि 17 जुलाई को मतदान होगा।
फोटो: TOIगौरतलब है कि, सोमवार(19 जून) को भारतीय जनता पार्टी संसदीय बोर्ड की बैठक हुई। जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) ने सबको चौंकाते हुए बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए NDA का उम्मीदवार बनाने का एलान कर दिया।
अपने लंबे राजनीतिक जीवन में शुरू से ही अनुसूचित जातियों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों तथा महिलाओं की लड़ाई लड़ने वाले कोविंद बिहार के राज्यपाल थे, हालंकि राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित होने के बाद इस्तीफा दे चुके हैं। बीजेपी दलित मोर्चा तथा अखिल भारतीय कोली समाज के अध्यक्ष रह चुके कोविंद बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के तौर पर भी सेवाएं दे चुके हैं। कोविंद बेहद कामयाब वकील भी रहे हैं।
विपक्ष ने मीरा कुमार को बनाया उम्मीदवार
वहीं, राष्ट्रपति पद के चुनाव में एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के खिलाफ विपक्ष ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को अपना उम्मीदवार बनाया है। संसद भवन में गुरुवार(22 जून) को 17 विपक्षी दलों की बैठक में यह फैसला लिया गया। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बैठक में मीरा कुमार के नाम की घोषणा की।
विपक्ष की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार राजनयिक से राजनेता बनीं और कांग्रेस का दलित चेहरा रहीं। पूर्व उप प्रधानमंत्री दिवंगत जगजीवन राम की बेटी 72 वर्षीय मीरा कुमार लोकसभा अध्यक्ष बनने वाली पहली महिला भी रहीं। वह यूपीए-2 के शासनकाल में 2009 से 2014 तक स्पीकर रहीं।
दलित बनाम दलित
बता दें कि सोशल मीडिया पर इस बार के राष्ट्रपति चुनाव को दलित बनाम दलित के रूप में पेश कर दबरदस्त बहस हो रही है। क्योंकि विपक्ष की साझा उम्मीदवार मीरा कुमार भी दलित हैं। एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद भी दलित समुदाय से आते हैं। इससे साफ हो गया कि राष्ट्रपति चुनाव में मुकाबला दलित बनाम दलित ही होगा।
हालांकि, मीरा कुमार और रामनाथ कोविंद में दलित होने के अलावा भी कई मामलों में समानता है। दोनों का जन्म 1945 में ही हुआ है। साथ ही मीरा कुमार भी वकील रह चुकी हैं और कोविंद भी हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट में वकालत कर चुके हैं।
वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने ट्वीट किया, ‘चलिए अच्छा हुआ!! अब राष्ट्रपति चुनाव में वोट करने वाले को कम से कम दलित विरोधी तो नहीं कहा जाएगा!!’ वहीं, एक अन्य वरिष्ठ पत्रकार ने ट्वीट किया, ‘जिस देश में आज भी राष्ट्रपति का चुनाव ‘दलित’ के नाम पर लड़ा जा रहा हो वहाँ जातिवाद को मिटाने के दावे झूठे और बेमानी हैं।’
पढ़ें, सोशल मीडिया पर कैसे ‘दलित’ को लेकर घमासान छिड़ा हुआ है:-
BSP अध्यक्ष मायावती और उनकी पार्टी करेंगी मीरा कुमारी का समर्थन… आखिर विपक्ष अब कह सकता है कि हमारा उम्मीदवार असली दलित है.??
— Vinita Rajpoot (@Being_Vinita) June 22, 2017
चलिए अच्छा हुआ!! अब राष्ट्रपति चुनाव में वोट करने वाले को कम से कम दलित विरोधी तो नहीं कहा जाएगा!! #PresidentialElections2017
— Akhilesh Sharma अखिलेश शर्मा (@akhileshsharma1) June 22, 2017
जिस देश में आज भी राष्ट्रपति का चुनाव 'दलित' के नाम पर लड़ा जा रहा हो वहाँ जातिवाद को मिटाने के दावे झूठे और बेमानी हैं। pic.twitter.com/HyRSW2BihT
— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) June 23, 2017
देश का सबसे बड़ा चुनाव और चर्चा इस बात की
"के तेरा दलित अच्छा कि मेरा ?"
गज़ब मज़ाक है लोकतंत्र का डूब मरो राजनेताओं चाहे जिस पार्टी के हो— Shahrukh siddiqui (@srspoet) June 23, 2017
क्या अब मीरा कुमार का विरोध करने वाले दलित और महिला विरोधी कहलायेंगे? जैसा कि रामनाथ कोविंद के नाम की घोषणा के समय कुछ नेताओं ने कहा था?
— Sharad Sharma (@sharadsharma1) June 22, 2017
UPA हमारा दलित उम्मीदवार NDA के दलित से ज्यादा दलित है…
हम पूछता हूं ????? @INCIndia pic.twitter.com/kFxuGvPPSg— Akash? (@The_Akash_Jain) June 23, 2017
देश के भविष्यत काल के #राष्ट्रपति लायक "रिफत शारुक" को बधाई??
?बक #दलित टाइप नही है बे,ये तो #कलाम टाइप है?#नमो_नमः pic.twitter.com/VZKedAR2Qn
— नमो_नमः✍ (@SaffronSangh) June 23, 2017
दलित को ही राष्ट्रपति बनाना है तो जस्टिस #कर्णन जैसे इंसान को राष्ट्रपति बनाने की हिम्मत दिखाओ?
कठपुतलेपन का रिवाज सुनिश्चित खत्म हो जायेगा।— Adv Syed Naina Naqvi (@imguncha) June 19, 2017
https://twitter.com/SahilThoughts/status/876849935689416705
रामनाथ में भाजपा को दलित मिल गए और राम भी। कुछ वफ़ादारी का भरोसा भी: मोदी के साथ वाली तसवीर में बँधे हुए हाथ देख लीजिए। बाक़ी वक़्त बताएगा।
— Om Thanvi (@omthanvi) June 19, 2017