चुनाव आयोग ने बुधवार को कहा कि ज्योतिषियों की चुनावी भविष्यवाणियां और टैरो कार्ड से पाठकों तक चुनावी नतीजों का अनुमान पहुंचाना और मीडिया में चुनावी परिणामों के बारे में भविष्यवाणी व प्रसारण तथा सभी तरह के एक्जिट पोल और सर्वे दिखाने पर रोक लगा दी है। इस प्रकार के प्रसारण को कानून का उल्लंघन माना जाएगा।
चुनाव आयोग ने जनप्रतिनिधि नियम 1951 की धारा 126ए के तहत अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए विधानसभा चुनाव संबंधित किसी भी तरह के एक्जिट पोल को 14 दिसंबर की शाम 6 बजे तक प्रसारित करने पर रोक लगा दी है।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, चुनाव आयोग ने कहा है हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल के नतीजे 14 दिसंबर से पहले प्रसारित नहीं किए जा सकते। हिमाचल में मतदान 9 नवंबर को है। वहीं गुजरात के पहले चरण का मतदान 9 दिसंबर को और दूसरे व अंतिम चरण का मतदान 14 दिसंबर को है।
गौरतलब है कि कई बार सर्वे और एक्जिट पोल देखकर भी मतदाओं का मन बदलता है, जिससे वोटर अंतिम समय में अपना मन बदल लेते हैं। ऐसा करना आचार संहित का एक तरह से उल्लंघन है और इसी के मद्देनज़र चुनाव आयोग ने ये फैसला किया है। अब चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद तमाम तरह के सर्वे और एक्जिट पोल को किसी भी तरह से प्रकाशित या फिर प्रसारित नहीं किया जा सकेगा।
आयोग ने कहा कि भले ही हिमाचल का चुनाव 9 नवंबर को संपन्न हो जाएगा, लेकिन गुजरात के दोनों चरणों के मतदान से पहले उसके एग्जिट पोल का परिणाम इलेक्ट्रॉनिक या प्रिंट किसी भी मीडिया में प्रसारित करने पर रोक रहेगी। यह प्रतिबंध 9 नवंबर सुबह 8 बजे से 14 दिसंबर शाम 6 बजे तक लागू रहेगा। इस दौरान होने वाले किसी भी तरह के एग्जिट पोल पर पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है। हिमाचल के साथ गुजरात में भी इस तरह की पाबंदी रहेगी। इस संबंध में मंगलवार को आदेश जारी हो गए हैं।