जम्मू-कश्मीर घाटी में लगातार 69 दिन से लगी पाबंदियों में बड़ी ढील देते हुए जम्मू्-कश्मीर प्रशासन ने सोमवार (14 अक्टूबर) से सभी पोस्टपेड मोबाइल फोन सेवाएं बहाल करने की शनिवार को घोषणा की। सरकारी प्रवक्ता एवं वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रोहित कंसल ने पत्रकारों से कहा कि सभी पोस्टपेड मोबाइल फोन सेवाएं 14 अक्टूबर दोपहर 12 बजे से बहाल कर दी जाएंगी।
अधिकारियों ने बताया कि सेवाएं शनिवार को बहाल की जानी थीं लेकिन आखिरी वक्त पर कुछ तकनीकी समस्या आने के कारण इसे टाल दिया गया। उपभोक्ताओं को हालांकि घाटी में इंटरनेट सेवाओं के बहाल होने के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा। राज्य प्रशासन मोबाइल फोन सेवाएं बहाल करने के लिए स्थिति का मुआयना कर रहा है। इसके निलंबित रहने से करीब 70 लाख लोग घाटी में प्रभावित हुए हैं और इसकी कड़ी आलोचना भी की जा रही है।
पहले केवल बीएसएनएल सेवाओं को बहाल करने की योजना बनाई गई और बाद में निजी टेलीकॉम ऑपरेटरों की सेवाओं पर केवल ‘इनकमिंग कॉल’ शुरू करने का फैसला किया गया। केन्द्र सरकार के पर्यटकों के लिए घाटी के द्वार खोलने का परामर्श जारी करने के कुछ दिन बाद यह कदम उठाया गया है। पर्यटन संघ निकाय ने प्रशासन से सम्पर्क कर कहा था कि बिना मोबाइल सेवाओं के कोई पर्यटक घाटी नहीं आना चाहेगा।
जम्मू-कश्मीर में हालात के तेजी से सामान्य की ओर बढ़ने पर राज्य प्रशासन ने पोस्टपेड मोबाइल सेवा बहाल करने का फैसला किया है। राज्य में अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों और 35A को खत्म किए जाने के बाद मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया था। बता दें कि, हाल ही में सरकार ने पर्यटकों की आवाजाही पर लगी रोक को भी हटा लिया था।
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— Gulistan News (@GulistanNewsTV) October 12, 2019
गौरतलब है कि, केंद्र सरकार ने बीती 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर मिला हुआ विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर और इसको दो भागों में बांट दिया है। केंद्र सरकार का दावा है कि इस फैसले राज्य की जनता की स्थिति और बेहतर होगी साथ ही केंद्र सरकार की योजनाओं का सीधा लाभ मिल सकेगा। इस फैसले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने साथ ही कई अहम कदम भी उठाए। भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती, मोबाइल फोन और इंटरनेट सेवाओं पर रोक और राज्य के नेताओं को नजरबंद कर दिया गया।
सरकार की दलील थी कि नेताओं की बयानबाजी से हालात बिगड़ सकते हैं और साथ में इंटरनेट सेवाओं का आतंकवादी गलत इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके साथ ही राज्य में स्कूल और कॉलेजों को भी सुरक्षा के लिहाज से बंद कर दिया गया था।