सीबीआई ने नोटबंदी के बाद कथित रूप से जरूरी दस्तावेजों के बिना 36 लाख रुपये के पुराने नोटों को नए नोटों से बदलने के लिए डाक विभाग के एक वरिष्ठ अधीक्षक सहित तीन अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
एजेंसी ने हैदराबाद के वरिष्ठ डाक अधीक्षक के सुधीर बाबू, हिमायतनगर उप डाक कार्यालय के उप डाकपाल जी रेवती एसएसपीओ कार्यालय में कार्यालय सहायक के तौर पर कार्यरत जी रवि तेजा और दूसरे अज्ञात सरकारी कर्मचारियों एवं आम लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश।
आपराधिक विश्वासघात, खातों के फर्जीवाड़े से जुड़ी आईपीसी की धाराओं एवं भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया।
ऐसे आरोप हैं कि आपराधिक साजिश के आरोपी लोगों ने दूसरे सरकारी कर्मचारियों एवं आम लोगों के साथ मिलकर नोट बदलवाने में अपने सरकारी पद का दुरुपयोग किया. उन्होंने कथित रूप से 12 नवंबर को सही दस्तावेजों के बिना 500 एवं 1,000 के पुराने नोटों के 36 लाख रुपये 2,000 रुपये के नए नोटों में बदले जबकि ये पैसे आम लोगों में बांटने के लिए रखे गए थे।
सीबीआई सूत्रों ने कहा कि एजेंसी को ‘विश्वसनीय सूचना’ मिली थी कि हिमायतनगर उप डाक कार्यालय में नोट बदलने में डाक विभाग के अधिकारियों ने गड़बड़ी की है जिसके बाद गत 24 नवंबर को डाक कार्यालयों में औचक निरीक्षक किया गया। सीबीआई ने कहा कि ऐसा पता कि रेवती ने ऐसा कथित रूप से बाबू के निर्देशों पर किया।
सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया कि विभिन्न डाक कार्यालयों में नये नोटों के वितरण के लिए नियुक्त किए गए तेजा ने माना कि बाबू ने उसे 500 और 1,000 के नोटों में 36 लाख रुपये दिए और हैदराबाद प्रधान डाक कार्यालय के खजाने से 2,000-2000 रुपये के नए नोटों में इतनी ही धनराशि ली।
सीबीआई के अधिकारियों ने कहा कि बाबू के घर पर तलाशी ली गई और पूछताछ के दौरान उसने खुलासा किया कि उसने 500 और 1,000 के नोटों में 36 लाख रुपये 2,000-2000 रुपये के नए नोटों में बदले।