एक स्टिंग वीडियो में इस्लामोफोबिक (एंटी-मुस्लिम) टिप्पणी करते पकड़े जाने के बाद कानपुर की जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉक्टर आरती लालचंदानी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने कानपुर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। बता दें कि, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने और आलोचनाओं का सामना करने के बाद डॉक्टर आरती लालचंदानी ने माफी मांग ली है। लेकिन उसके बाद भी कई लोगों का कहना है कि केवल माफी ही पर्याप्त नहीं होगी क्योंकि उनके इस बयान से भारत के मुस्लिम समुदाय के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है।
अपनी शिकायत में सुप्रीम कोर्ट के वकील अली जैदी ने लिखा, “मैं डॉक्टर आरती लालचनंदानी, जो कानपुर के गणेश विधाती मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल हैं उनके खिलाफ नीचे बताई गई धाराओं के तहत F.I.R के पंजीकरण के लिए यह शिकायत कर रहा हूं। डॉक्टर आरती लालचंदानी और अन्य अज्ञात व्यक्तियों की बातचीत का एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्हें एक संप्रदाय के सदस्यों और विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय के लोगों के खिलाफ टिप्पणी करते हुए देखा जा सकता है और उन्होंने ये टिप्पणी की: “वे आतंकवादी हैं आतंकवादियों को वीआईपी ट्रीटमेंट देना।” उन्हें जंगलों में भेज दो, काल कोठरी में फेंक दो। इन 30 करोड़ की वजह से 100 करोड़ का नुकसान हो रहा है। उनकी वजह से वित्तीय आपातकाल है।”
सुप्रीम कोर्ट के वकील अली जैदी ने ‘जनता का रिपोर्टर’ से कहा कि वह 156 (3) के माध्यम से शिकायत दर्ज करवाएंगे, अगर कानपुर पुलिस ने डॉक्टर आरती लालचंदानी के खिलाफ उसकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं की तो उसके बाद वह उसके खिलाफ राज्य चिकित्सा परिषद में शिकायत भी दर्ज करवाएंगे।
वीडियो वायरल होने पर आरती लालचंदानी ने नया वीडियो जारी किया है। इसमें वे कहती हैं कि ये घटना 75 दिन पहले की है और इसे बदनीयती से मेरे विरोधियों ने अब जाकर रिलीज किया है। मेरे संपर्क में कई मुस्लिम भाई-बहन और बच्चे हैं, जिन्हें मैंने अपनों की तरह प्यार किया है। उनकी सेवा की है। यहां तक कि तब्लीगी जमात के जिन मरीजों ने हमारे हेल्थ वर्कर्स पर हमला किया था, हमने उनसे भी अच्छे रिश्ते बनाए। उन्होंने कुछ दिनों के भीतर माफी मांग ली थी। हमने भोजन-पानी और दवाओं से उनकी हर तरह से तीमारदारी की। इसके लिए उन्होंने हमारा शुक्रिया भी अदा किया।
पूर्व सांसद और भाकपा (एम) की पोलित ब्यूरो सदस्य सुभाषिनी अली ने भी मामले की निष्पक्ष जांच की भी मांग की है, इसके साथ ही सुभाषिनी अली ने उन्हें पद से हटाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि, हम जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल को हटाने की मांग करते हैं। यदि वीडियो वास्तविक है, तो उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
बता दें कि, आरती लालचंदानी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वीडियो में वह असंवैधानिक और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए अल्पसंख्यक समुदाय पर निशाना साधती हैं। साथ ही वह जमातियों को खुलकर आतंकवादी बता रही हैं। आरती लालचंदानी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर ‘तुष्टिकरण’ की राजनीति करते हुए तबलीगी जमात के सदस्यों को सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने का आरोप लगाती है। वायरल वीडियो में प्रिंसिपल डॉ. आरती लालचंदानी कुछ लोगों के साथ बातचीत करते हुए देखा जा रहा है, जो पत्रकार लग रहे हैं।
In this viral video, head of Kanpur Medical College is seen making highly objectionable comments about Muslim #covid19 patients. Accuses CM @myogiadityanath of indulging in Muslim appeasement politics. She was the one who had accused Tablighi Jamaar members of spitting last month pic.twitter.com/UhcKBe9A8t
— Rifat Jawaid (@RifatJawaid) May 31, 2020