मध्य प्रदेश के गुना जिले में अनुसूचित जाति वर्ग के एक किसान परिवार पर पुलिस की कार्रवाई का वीडियो सामने आने के बाद राज्य में सियासत गरम हो गई है। अब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने भी इसे लेकर शिवराज सरकार को घेरा है। इसके साथ ही बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी भाजपा पर हमला किया है।
राहुल गांधी ने गुना में किसान के साथ बर्बरता का वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा है कि हमारी लड़ाई इसी सोच और अन्याय के खिलाफ है। बता दें कि, प्रदेश में कांग्रेस भी लगातार इसे लेकर भाजपा सरकार पर हमलावर है।
हमारी लड़ाई इसी सोच और अन्याय के ख़िलाफ़ है। pic.twitter.com/egGjgY5Awm
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 16, 2020
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने अपने ट्वीट में लिखा, “मध्य प्रदेश के गुना पुलिस व प्रशासन द्वारा अतिक्रमण के नाम पर दलित परिवार को कर्ज लेकर तैयार की गई फसल को जेसीबी मशीन से बबार्द करके उस दम्पत्ति को आत्महत्या का प्रयास करने को मजबूर कर देना अति-क्रूर व अति-शर्मनाक। इस घटना की देशव्यापी निन्दा स्वाभाविक। सरकार सख्त कार्रवाई करे।”
एक अन्य ट्वीट में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा, “एक तरफ भाजपा व इनकी सरकार दलितों को बसाने का ढिंढोरा पीटती है जबकि दूसरी तरफ उनको उजाड़ने की घटनाएं उसी तरह से आम हैं जिस प्रकार से पहले कांग्रेस पार्टी के शासन में हुआ करती थी, तो फिर दोनों सरकारों में क्या अन्तर है? खासकर दलितों को इस बारे में भी जरूर सोचना चाहिए।”
2. एक तरफ बीजेपी व इनकी सरकार दलितों को बसाने का ढिंढोरा पीटती है जबकि दूसरी तरफ उनको उजाड़ने की घटनाएं उसी तरह से आम हैं जिस प्रकार से पहले कांग्रेस पार्टी के शासन में हुआ करती थी, तो फिर दोनों सरकारों में क्या अन्तर है? खासकर दलितों को इस बारे में भी जरूर सोचना चाहिए।
— Mayawati (@Mayawati) July 16, 2020
गौरतलब है कि, मध्य प्रदेश के गुना में प्रशासन की ओर से अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाया जा रहा था, इस दौरान एक किसान दंपति की बुरी तरह से पिटाई कर दी गई। विरोध में दंपति ने कीटनाशक दवाई पी ली और खुदकुशी की कोशिश की। इसी घटना के बाद काफी बवाल हुआ, वीडियो भी वायरल हो गया।
बवाल के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुना के कलेक्टर और एसपी को तुरंत हटा दिया है। इसके अलावा मामले की उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दिए गए हैं। इस मामले को लेकर विपक्षी दल सरकार पर हमलावार हैं।