उत्तर प्रदेश के बरेली में 45 वर्षीय व्यक्ति ने अपनी लापता 22 वर्षीय बेटी का पता लगाने के लिए पुलिस द्वारा 1 लाख रुपये की रिश्वत मांगे जाने पर कथित रूप से आत्महत्या कर ली। मृतक शिशुपाल के परिवार वालों के अनुसार, रामनगर पुलिस चौकी प्रभारी राम रतन सिंह ने उनसे पैसे की मांग की थी।

परिवार वालों के अनुसार, जहां शिशुपाल ने अपना जीवन समाप्त किया था, राम रतन सिंह वहां कथित तौर पर पहुंच गए और सुसाइड नोट को फाड़ दिया। बाद में ग्रामीणों ने उसे पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया।
समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रोहित सिंह सजवान ने कहा कि सब-इंस्पेक्टर को चौकी से स्थानांतरित कर दिया गया है और उनके खिलाफ रिश्वत मांगने के आरोप के बारे में जांच चल रही है।
इससे पहले शिशुपाल की बेटी के अपहरण के बारे में एफआईआर नौ अप्रैल को आंवला पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी। प्राथमिकी में शिशुपाल ने दावा किया कि तीन लोगों बंटी, मुकेश और दिनेश ने उसकी बेटी को बाइक पर अगवा कर लिया। महिला का अभी पता नहीं चल पाया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मृतक शख्स की बेटी चार दिन पहले गांव के ही एक युवक के साथ चली गई थी। आरोप है कि पुलिस उसे जानबूझकर बरामद नहीं कर रही थी। गांव वालों के मुताबिक मृतक की जेब से मिले सुसाइड नोट में उसने अपनी मौत का जिम्मेदार रामनगर चौकी के इंचार्ज को बताते हुए लिखा था कि वह उसकी बेटी ढूंढने के लिए एक लाख रुपये मांग रहा था।