देश भर में तेजी से फैल रहे घातक कोरोना वायरस महामारी के दौरान कई अस्पतालों में वेंटिलेटर, बेड, ऑक्सीन और जरूरी दवाओं की भारी किल्लतों के मसले पर मुख्यमंत्रियों के साथ शुक्रवार को हुई इंटरनल मीटिंग को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से लाइव टेलीकास्ट किए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोटोकॉल के पालन की नसीहत दी। प्रधानमंत्री मोदी की नाराजगी पर मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बाद में माफी भी मांगी।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की शुक्रवार को वर्चुअल मीटिंग बुलाई थी। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी को पता चला कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ऑफिस की ओर से इस इंटरनल मीटिंग का प्रसारण किया जा रहा है।
केजरीवाल जब बोल ही रहे थे तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को टोकते हुए कहा, “यह हमारी जो परंपरा है, हमारा जो प्रोटोकॉल है यह उसके बहुत खिलाफ हो रहा है कि कोई मुख्यमंत्री ऐसी इनहाउस मीटिंग को लाइव टेलिकास्ट करे। यह उचित नहीं है। हमें हमेशा से संयम का पालन करना चाहिए।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से नाराजगी जताए जाने पर मुख्यमंत्री केजरीवाल ने माफी मांगते हुए कहा, “ठीक है सर इसका ध्यान रखेंगे आगे से। अगर सर मेरी तरफ से कोई गुस्ताखी हुई है, मैंने कुछ कठोर बोल दिया, या मेरे आचरण में कोई गलती है, तो उसके लिए मैं माफी चाहता हूं। आज बैठक में जो भी निर्देश दिए गए हैं, उन निर्देशों का हम पालन करेंगे।”
प्रधानमंत्री मोदी ने मीटिंग के LIVE प्रसारण करने पर मुख्यमंत्री केजरीवाल को टोका- ये करके आपने परंपरा के खिलाफ काम किया
केजरीवाल बोले- सर मुझसे गुस्ताखी हुई तो मैं माफी मांगता हूं ????#ArvindKejriwal #DelhiFightsCorona pic.twitter.com/UdHYgomnAp
— News24 (@news24tvchannel) April 23, 2021
दरअसल, केजरीवाल अपनी बात को चुपके से लाइव कर रहे थे। उन्हें लगा कि पीएम को इसका अंदाजा नहीं है, लेकिन पीएम मोदी को तुरंत इसकी खबर मिल गई। केजरीवाल के इस व्यवहार से बेहद खफा मोदी ने उन्हें बोलते हुए ही टोक दिया और संयम की सीख दी। इसके बाद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से हाथ जोड़कर माफी मांगी।
उधर, सरकारी सूत्रों ने आरोप लगाया कि इस बैठक में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने जरूरी सुझाव देने की जगह राजनीतिक बयान दिए। रेलवे की ओर से ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाकर राज्यों की ओर से मदद की जा रही है, लेकिन दिल्ली सरकार ने ऐसी कोई मांग नहीं की। (इंपुट: आईएएनएस के साथ)