नई दिल्ली। पाकिस्तान की संसद ने शनिवार(18 फरवरी) को ऐतिहासिक हिंदू मैरिज बिल को पास कर दिया है। अब जल्द ही राष्ट्रपति के हस्ताक्षर करने के बाद यह विधेयक कानून में तब्दील हो जाएगा। इसे नेशनल एसेंबली द्वारा 26 सिंतबर 2015 को ही पास किया जा चुका है। गौरतलब है कि पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी 1. 6 फीसदी है।
इस बहुप्रतिक्षित विधेयक को कानून मंत्री जाहिद हमीद ने सीनेट के समक्ष रखा, जिस पर किसी भी सदस्यों ने विरोध दर्ज नहीं कराया और यह बिल पास हो गया। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, यह बिल पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओं को स्वीकार्य है। इसके अंतर्गत शादी, शादी के रजिस्ट्रेशन, तलाक और दोबारा शादी की कानूनी मान्यता है।
साथ ही यह कानून बनने के बाद पाकिस्तान के पंजाब, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वां प्रांत में देश के अल्पसंख्यक हिंदुओं को अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन कराने का अधिकार मिल जाएगा। जबकि, सिंध प्रांत में हिंदुओं को पहले ही विवाह पंजीकरण का अधिकार हासिल है।
यह विधेयक हिंदुओं की शादी के लिए न्यूनतम उम्र 18 साल तय करता है। वहीं, अन्य धर्मों के नागरिकों के लिए न्यूनतम विवाह उम्र पुरूषों के मामले में 18 साल और लड़कियों के मामले में 16 साल है। न्यूनतम उम्र सीमा से संबद्ध कानून का उल्लंघन करने पर छह महीने की जेल और 5,000 रूपये का जुर्माना होगा।