केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उस प्रस्तावित अध्यादेश को मंज़ूरी दे दी है जिसके तहत 30 दिसम्बर के बाद 500 रूपए और 1000 रूपए के 10 से ज्यादा पुराने नोट रखने पर जुर्माना देना होगा।
जुर्माने की कम से कम पचास हज़ार रूपए अथवा जब्त राशि का 10 गुना, जो भी ज्यादा हो देना पड़ सकता है। साथ ही इस अध्यादेश से सरकार और रिज़र्व बैंक को नोटबंदी से जिम्मेदारी से मुक्त हो जाएगी।
जारी किए गए अध्यादेश का नाम द स्पेसिफाइड बैंक नोट्स केसेशन ऑफ लायबिलिटीज ऑर्डिनेंस रखा गया है। अध्यादेश के अनुसार, 31 मार्च 2017 के बाद पुराने नोट रखने पर 4 साल की कैद हो सकती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, किसी भी दोहराव या परेशानी से बचने के लिए एक प्रस्ताव जोड़े जाने के योजना है जिससे एक खास श्रेणी के लोग 31 दिसम्बर और अगले साल की 31 मार्च के बीच रिज़र्व बैंक की शाखाओं में पैसा जमा करा पाएंगे।
इस श्रेणी में सैन्य बलों से जुड़े लोग, विदेश में रहे आम नागरिक शामिल होंगे। आम नागरिकों को ये साबित करना होगा कि यह पैसा उनकी जायज आमदनी का हिस्सा है और वे अब तक इसे क्यों नहीं करा पाए।