अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार ने अपने चुनाव घोषणापत्र में किये गये वादे के मुताबिक 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने सम्बन्धी प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेज दिया है।
मीडिया रिपोट्स के मुताबिक, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों की कभी भी घोषणा हो सकती है। इसके मद्दे नजर सभी पार्टीयां अब जनता को लुभाने हर कोशिश में जुट गई हैं।
गुरुवार को हुई प्रदेश कैबिनेट की बैठक में सरकार ने उस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी जिसके तहत 17 पिछड़ी जातियों को दलित में शामिल कर लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई है जिसके बाद 17 ओबीसी की जातियों को एससी में शामिल कर लिया जाएगा। इसके बाद अब इन जातियों के लोगों को भी प्रदेश में एससी को मिलने वाली सुविधाएं और आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।
#FLASH: Uttar Pradesh Cabinet clears proposal to include 17 OBCs in SC list
— ANI UP (@ANINewsUP) December 22, 2016
मुख्यमंत्री ने यहां समाजवादी पार्टी (एसपी) राज्य मुख्यालय में आयोजित 17 पिछड़ी जातियों के महासम्मेलन में कहा कि सरकार ने निषाद, मल्लाह, भर, बाथम, तुरहा, कहार, कश्यप, केवट, कुम्हार, राजभर, प्रजापति, धीवर, धीमर, बिंद, माझी, गौड़ तथा मछुवा समेत 17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने सम्बन्धी प्रस्ताव शुक्रवार को केन्द्र को भेज दिया है।
गौरतलब है कि 10 अक्तूबर 2005 को राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने एक अधिसूचना जारी करके निषाद, मल्लाह, भर, बाथम, तुरहा, कहार, कश्यप, केवट, कुम्हार, राजभर, प्रजापति, धीवर, धीमर, बिंद, माझी, गौड़ तथा मछुवा जातियों को अनुसूचित जातियों को मिलने वाली सुविधाएं दी थीं लेकिन उनके बाद आयी मायावती सरकार ने उस व्यवस्था को समाप्त कर दिया था।