व्हाइट हाउस ने बताया बराक ओबामा के पाकिस्तान नहीं जाने का कारण

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निवर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने कार्यकाल की शुरुआत में पाकिस्तान जाने की इच्छा जताई थी, लेकिन वह ऐसा नहीं कर सके.  व्हाइट हाउस ने इसके पीछे पाकिस्तान के साथ अमेरिका के ‘पेचीदा संबंधों’ को कारण बताया है।

व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव होज़े अर्नेस्ट ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘उनके राष्ट्रपति कार्यकाल के एक चरण में, मुझे याद है कि राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पाकिस्तान यात्रा पर जाने की इच्छा जताई थी।

लेकिन विभिन्न कारणों से, जिनमें से कुछ की वजह बीते आठ वर्षों में किसी समय दोनों देशों के बीच जटिल संबंध थे, राष्ट्रपति बराक ओबामा अपनी यह इच्छा पूरी नहीं कर पाए।

अर्नेस्ट पाकिस्तान के बयान पर आधारित सवाल का जवाब दे रहे थे। पाकिस्तान ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हवाले से दावा किया था कि उन्होंने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से कहा है कि वह देश के दौरे पर आना चाहेंगे।

उन्होंने कहा, ‘एक बात हमें पता होनी चाहिए कि जब अमेरिका के राष्ट्रपति किसी देश के दौरे पर जाते हैं तो इसका देश की जनता तक बड़ा महत्वपूर्ण संदेश जाता है। यह उस देश के लिए भी सही है, जो हमारा सबसे करीबी सहयोगी है और साथ-साथ पाकिस्तान जैसे उस देश पर भी लागू होता है, जिसके साथ हमारे संबंध कहीं ज्यादा उलझे हुए हैं।

अर्नेस्ट ने कहा, ‘अंतत जब राष्ट्रपति ट्रंप विदेश यात्राओं की योजना बनाएंगे तो उनके पास विचार करने के लिए कई स्थान होंगे। निश्चित ही पाकिस्तान भी उनमें से एक होगा।

व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव अर्नेस्ट से ट्रंप और शरीफ के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत के बारे में सवाल पूछा गया था. उनसे पाकिस्तान के उस दावे के बारे में भी पूछा गया जिसमें कहा गया था कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री शरीफ की भरपूर तारीफ की है।

और देश के समक्ष लंबित समस्याओं का समाधान खोजने के लिए कोई भी भूमिका निभाने का प्रस्ताव दिया है. इस पर उन्होंने कहा, ‘जिस फोन कॉल की आप बात कर रहे हैं मैंने उसका ब्यौरा देखा है। मैं उस फोन कॉल की सत्यता और लहजे के बारे में कुछ नहीं कह सकता।

भाषा की खबर के अनुसार, टेलीफोन पर हुई बातचीत के पाकिस्तान द्वारा जारी किए गए ब्यौरों के आधार पर ट्रंप के आलोचक उनकी विदेश नीति से जुड़े खराब फैसले को लेकर उनकी आलोचना कर रहे हैं।

अर्नेस्ट ने कहा कि पाकिस्तान के साथ अमेरिका के संबंध काफी जटिल हैं, खासकर परस्पर जुड़े सुरक्षा हितों के मद्देनजर. उन्होंने कहा, ‘बीते आठ वर्षों में दोनों देशों के बीच संबंधों को बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता है, खासकर राष्ट्रपति ओबामा द्वारा पाकिस्तानी धरती पर ओसामा बिन लादने के सफाए का आदेश दिए जाने के बाद से।

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