केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच गुरुवार (18 अक्टूबर) को दिल्ली की एक महिला पत्रकार को प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ ने आगे बढ़ने नहीं दिया। भगवान अयप्पा स्वामी के दर्शन के लिए पम्बा के रास्ते सबरीमला पहाड़ी पर चढ़ रही महिला पत्रकार को श्रद्धालुओं ने बीच रास्ते से लौटने पर मजबूर कर दिया। आपको बता दें कि श्रद्धालु मंदिर में रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे हैं।
समाचार एजेंसी IANS के मुताबिक, ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के लिए भारत की संवाददाता सुहासिनी राज अपने साथी के साथ पंबा तक पहुंच गईं थी, लेकिन गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया और उनके सामने मानवश्रृंखला बनाकर खड़े हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने दोनों पत्रकारों को लौटने पर मजबूर कर दिया।सुहासिनी प्रदर्शनकारियों से यह कहती रहीं कि वह यहां पूजा करने नहीं बल्कि अपने काम के सिलसिले में आई हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया, “भक्तों का यह बहुत बड़ा प्रदर्शन था। प्रदर्शनकारी रास्ते में बैठे थे और नारे लगा रहे थे। उसके पास कोई और रास्ता नहीं था और उसे मजबूरन लौटना पड़ा।” सुप्रीम कोर्ट के 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत देने वाले आदेश का विरोध कर रहे कुछ संगठनों और पुलिस के बीच बुधवार को झड़पे हुईं।सर्वोच्च न्यायालय के 28 सितंबर के आदेश के बाद से मंदिर का दरवाजा पहली बार बुधवार को खोला गया।
मंदिर पहुंच जाती तो भगवान के दर्शन करने वाली पहली महिला होती
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक, महिला पत्रकार के पीछे पीछे पहाड़ी पर चढ़ रहे मलयालम समाचार चैनलों के संवाददाताओं ने बताया कि श्रद्धालु ‘‘महिलाओं, वापस जाओ’’ के नारे लगा रहे थे। खबरों के अनुसार, कुछ लोगों ने तो इस प्राचीन मंदिर में महिला के प्रवेश का विरोध करते हुए उसे गालियां भी दीं। पुलिस ने हालांकि, महिला पत्रकार और उसके सहकर्मी के आसपास सुरक्षा घेरा बनाया हुआ था।
स्थानीय टीवी चैनलों के अनुसार, महिला की उम्र करीब 45 साल के आसपास होगी। हालांकि उसकी उम्र की पुष्टि नहीं हुई है। महिला ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि वह पत्रकार है और अपनी पेशेवर ड्यूटी के कारण मंदिर जा रही है। पुलिस का कहना है कि उन्होंने महिला से उसे पूरी सुरक्षा मुहैया कराने की बात कही, लेकिन उसने पहाड़ी पर आगे चढ़ने से इंकार कर दिया। पत्रकार और उनके सहकर्मी को बाद में पम्बा थाने ले जाया गया।
यदि पत्रकार पहाड़ी चढ़कर मंदिर पहुंच जाती तो 28 सितंबर को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयप्पा स्वामी मंदिर में भगवान के दर्शन करने वाली वह रजस्वला आयु वर्ग की पहली महिला होती। फिलहाल, जिला प्रशासन ने मंदिर परिसर के 30 वर्ग किलोमीटर के दायरे में धारा 144 लागू कर रखी है और राज्य में हिंदूवादी संगठन के आह्वान पर गुरुवार को राज्य में बंद का आह्वान किया गया है। इसमें शामिल संगठन को भाजपा का समर्थन प्राप्त है।