असम से एक हैरान करने वाली खबर आई है जहां भारतीय सेना के एक रिटायर्ड मुस्लिम अधिकारी को 30 साल देश की सेवा करने के बाद उसे अपनी नागरिकता साबित करने के लिए नोटिस भेजा गया है। जी हां, नोटिस असम फॉरनर्स ट्रिब्यूनल द्वारा मोहम्मद अजमल हक नाम के रिटायर्ड जूनियर कमिशंड ऑफिसर (जेसीओ) को बाग्लादेशी नागरिक बता भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए भेजा गया है।
Photo: NDTVइतना ही नहीं, अजमल हक के खिलाफ असम पुलिस ने केस दर्ज किया है। NDTV के मुताबिक, असम पुलिस द्वारा अधिकारी पर अवैध रूप से भारत में रहने का आरोप लगाया है और इन्हें बाग्लादेश का अवैध प्रवासी बताया गया है। अब इस मामले की सुनवाई विदेशी मामलों की ट्रिब्यूनल में 13 अक्टूबर को होगी।
Assam-Foreigners' Tribunal sends notice to retired soldier asking him to prove citizenship. 'Looking at why notice ws served' says Assam DGP
— ANI (@ANI) October 1, 2017
रिपोर्ट के मुताबिक, तीन साल पहले इस अधिकारी की पत्नी पर भी ऐसा ही सनसनीखेज आरोप लगाकर नोटिस भेजा गया था, लेकिन जांच के बाद आरोपों को सही नहीं पाया गया। इस बारे में अजमल हक ने NDTV से बातचीत करते हुए अगर मैं अवैध बांग्लादेशी प्रवासी हूं तो फिर मैं भारतीय सेना में कैसे अपनी सेवा दी।
जवान ने कहा कि नोटिस मिलने के बाद मैं बहुत दुखी हूं। हक ने कहा कि 30 साल देश की सेवा करने का मुझे यह इनाम मिला है। मेरी पत्नी को भी इसी तरीके से प्रताड़ित किया गया था। सोशल मीडिया पर इस खबर को लेकर लोगों द्वारा नाराजगी व्यक्त की जा रही है।