नोटबंदी के बाद लोगों में नाउम्मीदी और हताशा चरम पर है। ताज़ा मामला दिल्ली के रफ़ी मार्ग स्थित रिज़र्व बैंक के कार्यालय का है जहाँ एक महिला ने अपने कपडे उतार कर प्रदर्शन किया। महिला काफी देर तक अपने पुराने नोटों को बदलवाने की गुहार लगाती रही लेकिन आरबीआई के गार्ड्स ने उसे वापस लौटा दिया। महिला के साथ उसका बच्चा भी था और वह पुराने नोट बदलने का बार बार अनुरोध कर रही थी लेकिन इमारत के बाहर खड़े गार्ड ने जब उसे लौटा दिया तो उसकी आंखों में आंसू आ गए। वह इसके विरोध में आरबीआई के प्रवेश द्वार के सामने धरने पर बैठ गई। जब गार्डों ने उसे जबरन प्रवेश द्वार से हटाने की कोशिश की तो गुस्से में उसने अपने कपड़े उतार दिए जिससे आसपास के लोग और सुरक्षा कर्मी हक्का-बक्का रह गए।
इसके बाद में आरबीआई के गार्डो ने पुलिस को सूचना दी और महिला को उसके बच्चे के साथ थाने ले जाया गया और इस तरह से हाईप्रोफाइल इमारत पर यह नाटक खत्म हुआ। आरबीआई का यह कार्यालय संसद भवन से चंद कदमों की दूरी पर है। नोट बदलवाने आए कुछ सेवानिवृत्त बुजुर्ग व्यक्तियों सहित अन्य लोगों ने कहा कि प्रधानमत्र्ंाी नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर को अपने संबोधन में वायदा किया था कि पुराने नोटों को 31 मार्च तक आरबीआई के चुनिंदा दफ्तरों में बदलवाया जा सकता है, लिहाजा सरकार को इससे पीछे नहीं हटना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते साल 8 नवम्बर को नोटबंदी की घोषणा की थी जिसके बाद 500 और 1000 रूपए के नोटों की कानूनी वैधता खत्म हो गई थी।