राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने गुरुवार (18 अक्टूबर) को अपने मुख्यालय नागपुर में 93वां स्थापना दिवस व विजयादशमी समारोह मनाया। इस मौके पर स्वयंसेवकों ने नागपुर में पथ संचलन किया और संघ प्रमुख मोहन भागवत की मौजूदगी में भव्य आयोजन किया गया। खास बात यह रही कि आरएसएस के इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी शामिल हुए।
इस दौरान बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि देश के लगभग हर गांव में मौजूद आरएसएस की शाखाएं बच्चों, खास तौर पर लड़कियों की हिफाजत के लिए सुरक्षा ढाल के रूप में काम कर सकती हैं। सत्यार्थी ने कहा कि आजकल महिलाएं घर, कार्यस्थल, मुहल्ला और सार्वजनिक स्थानों पर डर और दहशत में हैं। यह भारत माता के प्रति गंभीर असम्मान है।
संघ के मुख्यालय में सालाना विजयदशमी समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किए गए सत्यार्थी ने कहा कि भारत में भले ही सैकड़ों समस्याएं हों, लेकिन यह एक अरब से अधिक समाधानों की जननी भी है। उन्होंने कहा, ‘‘एक महान और बाल हितैषी राष्ट्र बनाने के लिए ईमानदार युवा नेतृत्व और भागीदारी की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं आरएसएस के युवाओं से हमारी मातृभूमि के वर्तमान और भविष्य को बचाने के लिए इस पथ पर नेतृत्व संभालने का अनुरोध करता हूं।’’
सोशल मीडिया पर हुए ट्रोल
आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल होकर कैलाश सत्यार्थी चर्चा में आ गए। सोशल मीडिया यूजर्स उन्हें ट्रोल करने लगे। एक यूजर ने कैलाश पर तंज सकते हुए लिखा, ‘आजकल नोबेल शांति पुरस्कार विजेता भी शस्त्र पूजा करने लगे हैं।’
RSS wants to turn inclusive India into a Hindu Nation. RSS founders openly admired Hitler & Mussolini and modelled their organisation on these European fascists. RSS has organised anti Muslim pogroms on many occasions. Yet @k_satyarthi asks them to 'protect' children!
— Kavita Krishnan (@kavita_krishnan) October 18, 2018
Ironically a Nobel Peace winner attends the RSS annual function on the worship of Arms. @waglenikhil @nehadixit123 @_YogendraYadav @Shehla_Rashid @pbhushan1 pic.twitter.com/ECFNhxEfbb
— Ruchira Gupta (@Ruchiragupta) October 18, 2018
कैलाश सत्यार्थी जी को जानना चाहिए कि बच्चों और महिलाओं के प्रति आरएसएस का नज़रिया बहुत ही घातक है!सरस्वती स्कूल की दर्ज़नो घटनाएं??
— dhirendra jha (@dhirendra_ml) October 19, 2018
कैलाश सत्यार्थी भी संघी हो गये .
ऐ #कांग्रेसीयों…. यूएन से कहकर इनका नोबल प्राईज छिनवा लो ??? pic.twitter.com/Ml5rGqmAPR— डा.सीमा (@seematri6) October 18, 2018