जेएनयू में मंगलवार को हुई कार्यकारी समिति की बैठक में प्रोफेसर निवेदिता मेनन के खिलाफ जांच समिति बैठाने पर भी विचार हुआ। जांच समिति इसी सप्ताह गठित होने की संभावना है।
गत वर्ष 26 दिसंबर को कन्वेंशन सेंटर में विद्वत परिषद की बैठक में छात्रों के घुसने और अभद्रता करने के बाद आठ छात्रों को निलंबित किया गया था। इसके विरोध में निवेदिता मेनन प्रशासनिक भवन के बाहर छात्रों को संबोधित कर रही थीं। जेएनयू प्रशासन ने 30 दिसंबर को निवेदिता को पत्र लिखकर चेतावनी दी थी कि वह इस तरह से प्रशासनिक भवन के बाहर नहीं बोल सकती हैं, यह अनुशासनहीनता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जेएनयू ने इसके लिए नियमों का हवाला भी दिया था। अब इसी के चलते कार्यकारी समिति की बैठक में जांच समिति बैठाने पर विचार किया गया है। जबकि इस बारे में प्रो. निवेदिता मेनन का कहना है कि इस बाबत मुझे जेएनयू प्रशासन से अभी कोई सूचना नहीं मिली है, इसलिए इस बारे में कुछ नहीं कह सकती।
आपको बता दे कि इससे पूर्व एबीवीपी जेएनयू छात्र संगठन के सचिव ने अफजल गुरु पर विवादित कार्यक्रम की इजाजत देने के लिए यूनिवर्सिटी के एसोसिएट डीन और कश्मीर की आजादी से जुड़े नारों को सही ठहराने वाले भाषण के लिए प्रोफेसर निवेदिता मेनन के खिलाफ दो अलग-अलग शिकायतें पुलिस में दर्ज कराई थी। जिसके कारण प्रोफेसर निवेदिता सुर्खियों में आ गई थी।