पीएम मोदी की अध्यक्षताल में रविवार (23 अप्रैल) को नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की तीसरी बैठक की गई।नीति आयोग की इस बैठक से दिल्ली के मुख्यंमंत्री अरविंद केजरीवाल और पश्चिम बंगाल की मुख्यंमंत्री ममता बनर्जी शामिल नहीं हुए।
इस बैठक में कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इसमें शिरकत की। इसके पीछे पीएम नरेंद्र मोदी की सख्ती मानी जा रही है। मोदी ने बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्रियों के प्रतिनिधियों को इजाजत देने से साफ इनकार कर दिया था। विपक्ष शासित राज्यों में से पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई. के. पलनिसामी बैठक में शामिल हुए।
Prime Minister Modi at NITI Aayog meet called for carrying forward the debate and discussion on simultaneous elections.
— ANI (@ANI) April 23, 2017
सूत्रों के मुताबिक बड़ी संख्या में मुख्यमंत्री इस बैठक में इसलिए शामिल हुए हैं, क्योंकि पीएम मोदी ने उनके आधिकारिक प्रतिनिधियों को विचार-विमर्श के लिए बैठक में शामिल होने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी मौजूद रहे। इनके अलावा केंद्रीय मंत्रियों में नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह, सुरेश प्रभु, प्रकाश जावड़ेकर, राव इंद्रजीत सिंह तथा स्मृति इरानी भी बैठक में मौजूद थीं। राष्ट्रपति भवन में हुई इस बैठक में देश की आर्थिक तरक्की के लिए 15 साल का विजन डॉक्युमेंट जारी किया गया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक में अन्य मुद्दों के साथ जीएसटी लागू करने के रोडमैप और किसानों की आमदनी दोगुनी करने की दिशा में किए गये प्रयासों पर भी चर्चा हुई। गवर्निंग काउंसिल में राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा नीति आयोग के उपाध्यक्ष और पूर्णकालिक तथा पदेन सदस्य भी बैठक में शामिल हुए। आज की बैठक में विशिष्ट आमंत्रित लोगों ने भी हिस्सा लिया।