एनआईए ने बंद की केरल में कथित लव जिहाद से जुड़े सभी मामलों में जांच, नहीं मिला कोई पुख्ता सबूत

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केरल के कथित लव जिहाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इस साल मार्च महीने में बड़ा फैसला सुनाते हुए हादिया उर्फ अखिला अशोकन के निकाह को फिर से बहाल कर बड़ी राहत दी थी। सुप्रीम कोर्ट के बाद अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भी इस तरह के मामलों में पीड़ित कपल को बड़ी राहत दी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, NIA ने केरल में कथित लव जिहाद से जुड़े लगभग सभी मामलों की जांच बंद कर दी है। ये वह मामले हैं, जिनमें मुस्लिम लड़कों ने हिंदू लड़कियों से शादी की। इसके बाद लड़कियों ने अपना धर्म परिवर्तन कर लिया। एनआईए हादिया जैसे 11 मामलों की जांच कर रही थी, जिनमें 89 जोड़ों ने अंतरधार्मिक विवाह किए थे।

PHOTO: REUTERS

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, लव जिहाद के मामलों की जांच से जुड़े एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया है कि एनआईए को कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं। इन मामलों में यहां तक तो ठीक है कि मुस्लिम-हिंदू लड़के-लड़कियों के बीच प्रेम विवाह हुआ। यह भी सही है कि धर्म परिवर्तन भी किया गया। लेकिन यह सब किसी आपराधिक साजिश के तहत किया गया, इसका सबूत नहीं मिला है। लिहाजा एनआईए अब इन मामलों में आगे कोई रिपोर्ट पेश करेगी इसकी संभावना नहीं है।

अखबार के मुताबिक, अधिकारी ने स्पष्ट कहा, ‘जहां तक एनआईए का मामला है, हमारे लिए ये मामले बंद हाे चुके हैं। हमें ऐसे सबूत नहीं मिले हैं कि इन मामलों में किसी युवक या युवती से जबरदस्ती धर्मपरिवर्तन कराया गया। हालांकि यह सही है कि धर्मपरिवर्तन कराने वालों में एक ही समूह के लोग ज्यादा शामिल पाए गए। ये पाॅपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े लोग थे जो या तो लड़के या फिर लड़की काे इस्लाम धर्म अपनाने में मदद कर रह थे। लेकिन इन पर मुकदमा चलाने लायक सबूत नहीं मिले हैं।’

आपको बता दें कि केरल में लव जिहाद का सबसे चर्चित मामला हादिया का था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कथित लव जिहाद की शिकार केरल निवासी युवती हादिया को 8 मार्च को बड़ी राहत देते हुये शफीन जहां से उसकी शादी अमान्य घोषित करने का केरल हाई कोर्ट का फैसला निरस्त कर दिया। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने साथ ही यह भी कहा कि इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेन्सी (एनआईए) अपनी जांच जारी रख सकती है।

शीर्ष अदालत ने पिछले साल अगस्त में राष्ट्रीय जांच एजेन्सी को हादिया के धर्म परिवर्तन के मामले की जांच का निर्देश दिया था क्योंकि एजेन्सी ने दावा किया था कि केरल में इस तरह का एक ‘तरीका’ सामने आ रहा है। यह मामला उस समय सुर्खियों में आया जब हादिया के पति शफीन जहां ने उसकी शादी अमान्य करार देने और उसकी पत्नी को माता पिता के घर भेजने के हाई कोर्ट के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी।

शीर्ष अदालत ने पिछले साल 27 नवंबर को हादिया को उसके माता पिता की निगरानी से मुक्त करते हुये उसे कालेज में अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिये भेज दिया था। हालांकि, हादिया ने कहा था कि वह अपने पति के साथ ही रहना चाहती है। हाई कोर्ट ने पिछले साल मई में हादिया और शफीन के विवाह को लव जिहाद का एक नमूना बताते हुये इसे अमान्य घोषित कर दिया था।

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