नए साल नौकरी की आस लगाए लोगों को निराशा हाथ लग सकती है। साल 2017 में नौकरियों के अवसर घटने के आसार हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक वैश्विक स्तर पर दिक्कतों तथा घरेलू मोर्चे पर नकदी की कमी की वजह से कर्मचारियों या नौकरी तलाश कर रहे लोगों के नया साल चुनौतीपूर्ण रहेगा।
हालांकि, कर्मचारी पहले से ही देखो और इंतजार करो की नीति अपना रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि वेतनवृद्धि में भी कमजोर रुख दिख रहा है।
माह दर माह आधार पर विश्लेषण से पता चलता है कि इस साल नियुक्तियों में वृद्धि का रुख 2015 की तुलना में कमजोर रहा है। वास्तविक वेतन वृद्धि अनुमानित उच्च स्तर पर 20 प्रतिशत के आंकड़े से कम रही। हालांकि यह 10 प्रतिशत की औसत वृद्धि के अनुमान से अधिक रही।
माना जा रहा है कि सरकार के नोटबंदी के कदम तथा अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप का राष्ट्रपति चुना जाना, दो ऐसे कारक हैं जिनका नये साल में कुछ निश्चित क्षेत्रों पर असर पड़ेगा।
भाषा की खबर के अनुसार, वैश्विक कार्यकारी नियुक्ति फर्म एंटल इंटरनेशनल इंडिया के प्रबंध निदेशक जोसफ देवासिया ने कहा, ‘‘उपभोक्ता आधारित क्षेत्रों मसलन एफएमसीसी-सीडी तथा खुदरा ने शुरुआत में अच्छा प्रदर्शन किया।
लेकिन हालिया नोटबंदी के कदम के बाद बिक्री में भारी गिरावट आई है। फिलहाल इन क्षेत्रों में नौकरियों कम हुई हैं और अगले दो साल तक ऐसी स्थिति रहने का अनुमान है।’’
हालांकि, उन्होंने कहा कि नोटबंदी से अभी नकारात्मक असर पड़ा है लेकिन अंतत: इससे देश को लाभ होगा और युवाओं को औपचारिक क्षेत्र में अधिक रोजगार उपलब्ध होगा।