सरकार कह रही है बैंक और एटीएम से लाइनें छोटी हो रही है। सरकार के अनुसार अब नोटबंदी की किल्लत दूर होती नज़र आ रही है। जबकि इसके विपरित लगातार आयकर विभाग के छापों में नये नोट मिलने की खबरें देश के प्रत्येक कोने से आ रही है।
इसके अलावा बैंक मैनेजरों द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार अब खुलकर सामने आने लगे है। देश के सभी एटीएम खाली नज़र आ रहे है। नये नोटों की लगातार कमी बनी हुई है और कालेधन को जमा करने वालों के पास से नये नोट जमकर बरामद हो रहे है।
बैंक कह रहे है कि 5 लाख से अधिक आम लोगों के बीच ही वितरित नहीं किया जा सकता है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि आखिर कालेधने के जमाखोरों के पास इतना रूपया आ कहां से रहा है और एटीएम क्यों खाली दिखाई दे रहे है। सरकार इस बात को लेकर चिंताग्रस्त है कि टिवी चैनल अब नोटबंदी पर नकारात्मक खबरें दिखा रहे है।
दूसरी तरफ बैंक की लाइनों में लगे लोगों को लडडू बांटने की कवायद भी शुरू की जा रही है। कुल पूंजी का एक बड़ा हिस्सा पुराने नोटों का सरकार के पास वापस जा चुका है। जबकि नकदी की दिग्गत पहले से ज्यादा बनी हुई है। केशलैस इकाॅनमी बहुत दूर की कोड़ी नज़र आ रही है और सरकार का विरोध अब सड़कों पर अधिकांशत दिखाई दे रहा है।
उम्मीद की जा सकती है कि पीएम मोदी के 50 दिन वाले आश्वासन के बाद हालात सुधरे नज़र आ सकते है।