केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSC) ने केरल में नीट अभ्यर्थी को परीक्षा केंद्र पर अंत:वस्त्र हटाने को कहे जाने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए मंगलवार(9 मई) को कहा कि यह अति उत्साह का परिणाम है। साथ ही तलाशी के तहत एक छात्रा से अंत:वस्त्र उतारने को कहने वाली चार महिला शिक्षकों को अधिकारियों ने एक महीने के लिए निलंबित कर दिया है। स्कूल प्रबंधन ने भी मामले की जांच शुरू की है।
फोटो: Indian Expressबोर्ड ने परिधान संबंधी कड़े नियम का बचाव करते हुए कहा कि यह इस बेहद अहम परीक्षा की गरिमा को बनाए रखने का उपाय है। सीबीएसई की प्रवक्ता रमा शर्मा ने कहा कि कन्नूर में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और यह प्रक्रिया में शामिल कुछ लोगों के जरूरत से ज्यादा उत्साह का परिणाम है। अनजाने में हुई इस गलती से छात्रों को जो परेशानी उठानी पड़ी उसके लिए बोर्ड को खेद है।उन्होंने कहा कि वेबसाइट, सूचना बुलेटिन, प्रवेश पत्रों पर छपे निर्देश के अलावा इमेल, एसएमएस के जरिए किए गए संवाद के जरिए अभ्यर्थियों को बार-बार बताया गया था कि इस बेहद अह्म परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्रों पर प्रवेश से पहले क्या कदम उठाने हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि इस प्रतिष्ठित परीक्षा की गरिमा को बनाए रखने के लिए और ईमानदार तथा नेकनियत वाले छात्रों तथा अभिभावकों के साथ न्याय करने के लिए सीबीएसई ने निष्पक्ष परीक्षा कराने के लिए कोई प्रयास बाकी नहीं छोड़ा। बता दें कि 7 मई को हुए NEET की परीक्षा के दौरान छात्राओं से उनसे अंत:वस्त्र उतारने, कमीज की बाजू काटने, नाक-कान के आभूषण उतारने को कहा गया।
इससे पहले छात्रों को निर्देश जारी किया गया है जिसक मुताबिक, छात्राएं साड़ी और बुर्का पहनने के साथ-साथ मेहंदी लगाने पर भी रोक लगाई गई थी। इसके अलावा ताबीज, ब्रेसलेट पहनने और कृपाण भी अपने पास रखने पर रोक लगाई गई थी। साथ में छात्र पर्स, मोबाइल, क्रेडिट-डेबिट कार्ड एग्जाम सेंटर पर नहीं ले जाने का निर्देश दिया गया था।