इस समय देश में 17वीं लोकसभा के गठन के लिए मतदान की प्रक्रिया जोर-शोर से चल रही है। कुल सात चरणों में होने वाली मतदान प्रक्रिया के पांच चरण पूरे हो चुके हैं, जबकि छठे चरण में रविवार (12 मई) को और सांतवे चरण का मतदान 17 मई को होगा। हालांकि, चुनाव के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ न हो, इसके लिए चुनाव आयोग (ECI) ने कड़े प्रबंध किए हैं। लेकिन उसके बाद भी चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से छेड़छाड़ को लेकर भी कई आरोप लगते रहे हैं।
file photoइसी बीच, द हिन्दू ग्रुप की मैगजीन ‘फ्रंटलाइन’ ने एक सनसनी खेज खुलासा करते हुए बताया है कि करीब 20 लाख ईवीएम मशीनें चुनाव आयोग के कब्जे से गायब हैं। मैगजीन के इस खुलासे के बाद यह मामला अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है।
मनोरंजन रॉय (Manoranjan Roy) के हवाले से द हिंदू ग्रुप फ्रंटलाइन मैगजीन में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयोग ने उन्हें एक आरटीआई जवाब में बताया कि उन्हें 1989-90 और 2014-15 के बीच बीईएल (एक ईवीएम निर्माता) से 10,05,662 ईवीएम प्राप्त हुए। ECI ने यह भी कहा कि उसे 1989-90 और 2016-17 के बीच ECIL (जो एक और निर्माता है) से 10,14,644 EVM प्राप्त हुए।
हालांकि, पिछले साल अप्रैल में जनता का रिपोर्टर ने एक रिपोर्ट में बताया था कि, बेंगलुरु स्थित बीईएल ने कहा था कि उसने 1989-90 और 2014-15 के बीच ECI को 19,69,932 ईवीएम मशीनें की आपूर्ति की थी। हैदराबाद स्थित इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के आरटीआई जवाब में कहा था कि उसने ECI को 19,44,593 ईवीएम की आपूर्ति की।
इस प्रकार, फ्रंटलाइन पत्रिका की रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 15 वर्षों की अवधि में ECI को बीईएल से 9,64,270 ईवीएम और ईसीआईएल (ECIL) से 9,29,949 ईवीएम प्राप्त नहीं हुए हैं। जनता का रिपोर्टर से बात करते हुए रॉय ने पूछा था, “ये ईवीएम कहां जा रहे हैं, उनके साथ क्या किया जा रहा है।” उन्होंने कहा था कि ‘इन संगठनों के बीच कुछ बहुत ही संदिग्ध चल रहा है।’