लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरे कार्यकाल के लिए आज यानी गुरुवार (30 मई) को नए मंत्रिपरिषद के साथ शपथ लेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने से एक दिन पहले बुधवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ लंबी बैठक की और अपनी सरकार के गठन को अंतिम रूप दिया। माना जा रहा है कि सरकार में अधिकतर सहयोगी दल शामिल होंगे और देश के विभिन्न हिस्सों में पार्टी को मिली जीत की झलक भी इसमें होगी।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 68 वर्षीय मोदी और उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगियों को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में शपथ दिलाएंगे। इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित शीर्ष विपक्षी नेता, उद्योग जगत के दिग्गज, फिल्मी सितारे, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और बिम्सटेक सदस्य देशों के नेता मौजूद रहेंगे। इस बीच इसको लेकर रहस्य बना हुआ है कि चार प्रमुख प्रभार गृह, वित्त, रक्षा और विदेश किसे मिलेंगे।
वित्त मंत्री अरुण जेटली के स्वास्थ्य आधार पर मंत्री नहीं बनने के फैसले के बाद अटकलें लगाई जा रही हैं कि जेटली के स्थान पर किन्हें यह महत्वपूर्ण विभाग मिलेगा। इस पद के लिए रेल मंत्री पीयूष गोयल को प्रमुख दावेदार के तौर पर देखा जा रहा है। ऐसी चर्चा भी है कि शाह जो गांधीनगर से लोकसभा के लिए चुने गए हैं, सरकार में शामिल हो सकते हैं। अगर वह मोदी कैबिनेट में शामिल होते हैं, तो उन्हें चार प्रमुख विभागों वित्त, गृह, रक्षा या विदेश में से कोई एक मिल सकता है।
भाजपा ने सरकार के संभावित सदस्यों के बारे में कोई भी आधिकारिक बयान देने से परहेज किया है और पार्टी नेताओं ने जोर दिया कि यह प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है। शाह को भाजपा की रणनीति बनाने का श्रेय दिया जाता है। हालांकि उन्हें केंद्र में मंत्री पद देने के संबंध में कोई स्पष्टता नहीं है। ऐसी भी अटकलें हैं कि शाह भाजपा अध्यक्ष बने रह सकते हैं क्योंकि कुछ प्रमुख राज्यों में विधानसभा चुनाव अगले एक वर्ष में होने हैं।
मंत्री बनने जा रहे इन नेताओं को आ चुके हैं फोन: सूत्र
सूत्रों के अनुसार, मंत्री पद के लिए पीयूष गोयल, डीवी सदानंद देवेगौड़ा, अर्जुनराम मेघवाल, रविशंकर प्रसाद, निर्मला सीतारमण, प्रकाश जावड़ेकर, मुख्तार अब्बास नकवी, गिरिराज सिंह, धर्मेंद्र प्रधान, बाबुल सुप्रीयो, आर के सिंह, नितिन गडकरी, संतोष गंगवार, जितेंद्र सिंह, नित्यानंद राय, निरंजन ज्योति, अर्जुन राम मेघवाल, लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया राम विलास पासवान और शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर को फोन किया जा चुका है।
BJP leaders Dharmendra Pradhan and Mukhtar Abbas Naqvi to meet PM Narendra Modi at 4:30 PM today at 7, Lok Kalyan Marg. (file pics) pic.twitter.com/OmxpqNttbi
— ANI (@ANI) May 30, 2019
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, ये सभी मंत्री शाम 4:30 बजे पीएम मोदी से 7 लोक कल्याण मार्ग पर मुलाकात करेंगे। ऐसा माना जा रहा है इन सभी नेताओं का मंत्री बनना तय है।
Shiromani Akali Dal (SAD) MP from Bathinda, Harsimrat Kaur Badal and BJP MP from Asansol, Babul Supriyo to take oath as ministers, today evening. (file pics) pic.twitter.com/g2Jxqt3IyY
— ANI (@ANI) May 30, 2019
भाजपा नेता डीएस सदानंद देवेगौड़ा ने कहा कि मुझे अमित शाह ने फोन किया। उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे होम ऑफिस में शाम 5 बजे और शपथ ग्रहण समारोह में शाम 7 बज तक मौजूद रहना है। शाम 5 बजे पीएम कैबिनेट और दूसरे मंत्रिस्तरीय सहयोगियों के साथ चाय पीएंगे और फिर हम शपथ लेने के लिए राष्ट्रपति भवन जाएंगे।
DV Sadananda Gowda, BJP: I received a call from Amit Shah. He said that I should be there at home office of PM at 5 o'clock&swearing-in ceremony at 7 o'clock. At 5 o'clock PM will have tea with cabinet&other ministerial colleagues&then we'll go to Rashtrapati Bhavan to take oath. pic.twitter.com/7D49W0C4Tn
— ANI (@ANI) May 30, 2019
Lok Janshakti Party (LJP) Chief, Ram Vilas Paswan to also meet PM Narendra Modi at 4:30 PM today at 7, Lok Kalyan Marg. https://t.co/iZB68qixKz
— ANI (@ANI) May 30, 2019
वरिष्ठ मंत्रियों को जा सकता है बरकरार
उम्मीद की जा रही है कि नए मंत्रिमंडल में अधिकतर वरिष्ठ मंत्रियों को बरकरार रखने के अलावा कुछ नए चेहरों को भी शामिल किया जाएगा। भाजपा के कई नेताओं का मानना है कि पूर्ववर्ती मंत्रिमंडल के अधिकतर प्रमुख सदस्यों को बरकरार रखा जा सकता है। वरिष्ठ सदस्यों जैसे राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी, रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, नरेंद्र सिंह तोमर और प्रकाश जावड़ेकर के अपना स्थान बरकरार रखने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश के अमेठी में राहुल गांधी को हराने वाली ईरानी को एक प्रमुख प्रभार मिलने की उम्मीद है।
शिवसेना और जदयू को मिल सकता है दो-दो मंत्री पद
ऐसे संकेत हैं कि नए मंत्रिमंडल में पश्चिम बंगाल, ओडिशा और तेलंगाना जैसे राज्यों में भाजपा की बढ़ती ताकत प्रतिबिंबित हो सकती है। जहां तक सहयोगी दलों का सवाल है तो शिवसेना और जदयू को दो..दो मंत्री पद मिलने की उम्मीद है, (एक कैबिनेट और एक राज्यमंत्री) जबकि लोजपा और शिरोमणि अकाली दल को एक..एक मंत्री पद मिल सकते हैं। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि शिवसेना और जेडीयू से कहा गया है कि अभी उनके कोटे से एक-एक मंत्री ही बनेंगे।
जेडीयू में इससे संतोष कुशवाहा या रामनाथ ठाकुर जैसों की किस्मत खुल सकती है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को शाह से मुलाकात की और समझा जाता है कि दोनों नेताओं ने सरकार में जनता दल यू के प्रतिनिधित्व पर चर्चा की। शिवसेना संजय राउत ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि शिवसेना से एक नेता मंत्री पद की शपथ लेंगे। उद्धव जी ने अरविंद सावंत का नाम दिया है, वह मंत्री के रूप में शपथ लेंगे। यह तय हुआ है कि प्रत्येक सहयोगी पार्टी से एक मंत्री होगा।
Sanjay Raut, Shiv Sena: From Shiv Sena one leader will take oath as a minister. Uddhav ji has given Arvind Sawant's name, he will take oath as a minister. pic.twitter.com/P1SYqTubqD
— ANI (@ANI) May 30, 2019
लोकजनशक्ति पार्टी ने मंगलवार को एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें उसके अध्यक्ष रामविलास पासवान को मोदी सरकार में उसके प्रतिनिधि के तौर पर शामिल करने की सिफारिश की गई। अन्नाद्रमुक जो कि पूर्ववर्ती सरकार का हिस्सा नहीं थी, उसने मात्र एक सीट जीती है। उसे एक मंत्रिपद दिया जा सकता है क्योंकि पार्टी तमिलनाडु में सत्ता में है और भाजपा की प्रमुख सहयोगी द्रविड़ पार्टी है।
सुषमा स्वराज की जगह कौन लेगा?
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने स्वास्थ्य आधार पर लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन पार्टी के भीतर एक राय है कि वह भी नए मंत्रिमंडल का हिस्सा होंगी। संभावना है कि करीब 60 मंत्री शपथ ले सकते हैं। सुषमा के नहीं बनने पर विदेश मंत्री कौन होगा, इसे भी उत्सुकता की नजर से देखा जा रहा है। चूंकि, स्वास्थ्य कारणों से सुषमा स्वराज ने इस बार लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा था। ऐसे में इस पर निगाह होगी कि सुषमा सरकार में शामिल रहेंगी या नहीं।
नए चेहरों को मिल सकती है जगह
पार्टी के कुछ नेताओं का मानना है कि संगठन के कुछ नेताओं को भी मंत्री बनाया जा सकता है। अगर शाह सरकार में शामिल होते हैं, तो जे पी नड्डा और भूपेंद्र यादव को पार्टी अध्यक्ष के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है।भाजपा के एक नेता ने कहा कि मोदी कुछ चेहरों के साथ लोगों को चौंका भी सकते हैं। मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में आर के सिंह और हरदीप पुरी जैसे कई पूर्व नौकरशाहों को अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया था। पार्टी के कुछ नेताओं का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी, मनोज सिन्हा जैसे नेताओं को भी शामिल कर सकते हैं, जो लोकसभा चुनाव हार गए । हालांकि पिछली सरकार में उनका प्रदर्शन अच्छा रहा।
8 हजार मेहमानों के शामिल होने की उम्मीद
राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में आयोजित होने वाले इस शपथ ग्रहण समारोह में करीब आठ हजार मेहमानों के शामिल होने की उम्मीद है। इसका इस्तेमाल आम तौर पर देश की यात्रा पर आने वाले राष्ट्राध्यक्षों एवं सरकार के प्रमुखों के औपचारिक स्वागत के लिए किया जाता है। मोदी को जब शाम करीब सात बजे शपथ दिलायी जाएगी तब यह दूसरी बार होगा जब वे राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में शपथ लेंगे।
मोदी को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 2014 में दक्षेस देशों के प्रमुखों सहित 3500 से अधिक मेहमानों की मौजूदगी में शपथ दिलायी थी। इससे पहले 1990 में चंद्रशेखर और 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में शपथ दिलायी गई थी।
बिम्सटेक नेताओं ने मोदी के शपथ-ग्रहण समारोह में शामिल होने की पुष्टि की
शपथ ग्रहण समारोह में बिम्सटेक देशों बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद, श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली, म्यामां के राष्ट्रपति यू विन मिंट और भूटान के प्रधानमंत्री लोताय शेरिंग ने कार्यक्रम में शामिल होने की पुष्टि पहले ही कर दी है। थाईलैंड से उसके विशेष दूत जी बूनराच देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। भारत के अलावा बिम्सटेक में बांग्लादेश, म्यामां, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं।सरकार ने इन नेताओं के साथ-साथ शंघाई सहयोग संगठन के वर्तमान अध्यक्ष और किर्गीस्तान के वर्तमान राष्ट्रपति जीनबेकोव और मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ को भी शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रित किया है।
ममता बनर्जी नहीं होंगी शामिल
आमंत्रित किए गए विपक्षी नेताओं में तृणमूल कांग्रेस नेता एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जदएस नेता एवं कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, आप प्रमुख एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शामिल हैं। बनर्जी ने यद्यपि शुरू में कहा था कि वे कार्यक्रम में शामिल होंगी लेकिन बुधवार को घोषणा की कि वे भाजपा के इस आरोप पर कड़ी आपत्ति जताते हुए शामिल नहीं होंगी कि उसके 54 कार्यकर्ताओं की पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा में हत्या कर दी गई।
विपक्षी नेताओं को आमंत्रण चुनाव के बाद उन नेताओं तक पहुंच बनाने के मोदी के कदम के तौर पर देखा जा रहा है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रचंड जीत हासिल की। मोदी नीत भाजपा ने लोकसभा चुनाव में 542 सीटों में से 303 सीटें जीतकर सत्ता में बहुमत के साथ वापसी की है और एनडीए ने 353 सीटों पर जीत हासिल की है। 2014 में बीजेपी ने 282 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं, कांग्रेस 52 सीटों तक ही सिमट गई हैं। जबकि यूपीए इस बार 96 सीटों तक पहुंची। (इनपुट- भाषा/एएनआई के साथ)