राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के राष्ट्रीय महासचिव और बिहार के कटिहार से लोकसभा सांसद तारिक अनवर ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता के साथ लोकसभा के सांसद पद से भी इस्तीफा दे दिया है।
फाइल फोटो: तारिक अनवरमीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बताया जा रहा है कि राफेल विमान पर राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार द्वारा नरेंद्र मोदी सरकार के पक्ष में दिए गए बयान को लेकर तारिक अनवर नाराज थे और यही वजह है कि उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा था कि लोगों को राफेल सौदे में प्रधानमंत्री की मंशा पर ‘कोई संदेह नहीं है।’
रिपोर्ट के मुताबिक, शरद पवार ने एक मराठी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस की मांग पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ओर से तकनीकी जानकारी सार्वजनिक करने की मांग औचित्यहीन है।
NCP national general secretary Tariq Anwar quits the party, also resigns from the post of Lok Sabha MP. (File pic) pic.twitter.com/vX4ablr9fL
— ANI (@ANI) September 28, 2018
बता दें कि राफेल विमान सौदे पर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के सनसनीखेज दावे के बाद भारत में सियासी घमासान जारी है। राफेल सौदे में ‘ऑफसेट साझेदार’ के संदर्भ में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के कथित बयान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार हमला बोल रहे।
आपको बता दें कि राफेल विमानों की खरीद को लेकर फ्रांसीसी अखबार ‘मीडियापार्ट’ में छपी फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के एक बयान ने भारत में राजनीतिक भूचाल ला दिया है। दरअसल, फ्रांसीसी मीडिया के मुताबिक ओलांद ने कथित तौर पर कहा है कि भारत सरकार ने 58,000 करोड़ रुपए के राफेल विमान सौदे में फ्रांस की विमान बनाने वाली कंपनी दसाल्ट एविएशन के ऑफसेट साझेदार के तौर पर अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस का नाम प्रस्तावित किया था और ऐसे में फ्रांस के पास कोई विकल्प नहीं था।
ओलांद के सनसनीखेज बयान से इस विवाद में एक नया मोड़ आ गया है, क्योंकि उनके हवाले से किया गया यह दावा मोदी सरकार के बयान से उलट है। भारत सरकार कहती रही है कि फ्रांसीसी कंपनी दसाल्ट एविएशन ने खुद अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस का चुनाव किया था। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अब तक यही कहती रही है कि उसे आधिकारिक रुप से इस बात की जानकारी नहीं थी कि दसाल्ट एविएशन ने इस करार की ऑफसेट शर्त को पूरा करने के लिए भारतीय साझेदार के तौर पर किसे चुना है।