एन चंद्रशेखरन को मिलेगी टाटा संस की कमान, पहली बार चुना गया गैर पारसी चेयरमैन

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पिछले कुछ महीनों से सुर्खियों में रहे टाटा संस को आखिरकार चेयरमैन मिल ही गया। सॉफ्टवेयर और लोहा से नमक तक बनाने वाले देश के प्रमुख औद्योगिक घराने टाटा की धारक कंपनी टाटा संस ने समूह की एक कंपनी टीसीएस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक एन चंद्रशेखरन को अपना नया कार्यकारी चेयरमैन नियुक्त करने की घोषणा की है। टाटा संस के इतिहास में पहली बार किसी गैर पारसी को चेयरमैन बनाया गया है।

साइरस मिस्त्री को इस पद से हटाए जाने के करीब दो माह बाद यह नियुक्ति की गई है। मिस्त्री को हटाए जाने के बाद टाटा घराने के पितृपुरुष रतन टाटा कंपनी के अंतरिम चेयरमैन बनाए गए थे।

मिस्त्री को गत 24 अक्टूबर को अप्रत्याशित रूप से चेयरमैन पद से हटाने के बाद समूह की कंपनियों के निदेशक मंडलों में भारी खींचतान व कड़वाहट फैल गयी थी। चंद्रा के नाम से लोकप्रिय 54 वर्षीय चंद्रशेखरन 21 फरवरी को अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा से टाटा संस के चेयरमैन का पदभार संभालेंगे। टाटा समूह देश विदेश में सालाना 103 अरब डॉलर से अधिक का कारोबार करता है।

चंद्रशेखरन ने अपनी नियुक्ति के बाद कहा कि टाटा समूह तीव्र बदलाव से गुजर रहा है और उनका प्रयास होगा कि समूह को नैतिका और उन मूल्यों के साथ आगे बढ़ाने में मदद की जा सके जिनके आधार पर इसका निर्माण हुआ है।

भाषा की खबर के अनुसार,  कंपनी ने एक बयान में कहा कि टाटा संस के निदेशक मंडल की आज हुई बैठक में चंद्रशेखरन को कार्यकारी चेयरमैन नियुक्त करने का फैसला किया गया।

चंद्रा की नियुक्ति चयन समिति की सर्वसम्मत सिफारिश के बाद की गई है। बयान में यह नहीं बताया गया है कि शीर्ष पद पर चंद्रशेखरन का कार्यकाल कितना होगा। इसमें यह भी नहीं बताया गया है कि रतन टाटा की आगे क्या भूमिका। मिस्त्री को हटाए जाने के बाद टाटा को टाटा संस का अंतरिम चेयरमैन नियुक्त किया गया था।

टीसीएस में चंद्रशेखरन का स्थान राजेश गोपीनाथ लेंगे। फिलहाल वह कंपनी में मुख्य वित्त अधिकारी हैं। चंद्रशेखरन की नियुक्ति की घोषणा करते हुए टाटा संस के निदेशक मंडल ने कहा कि श्री चंद्रशेखरन ने टीसीएस के सीईओ तथा प्रबंध निदेशक के रूप में अनुकरणीय नेतृत्व का प्रदर्शन किया है।

चंद्रशेखरन 2009 से टीसीएस के सीईओ और प्रबंध निदेशक है। टीसीएस को टाटा समूह की दुधारू गाय कहा जाता है। वह टाटा के साथ 1987 में जुड़े थे। मिस्त्री को हटाए जाने के एक दिन बाद यानी 25 अक्टूबर, 2016 को उन्होंने टाटा संस के निदेशक मंडल में शामिल किया गया था।

चंद्रशेखरन की नियुक्ति का फैसला यहां हुई टाटा संस के निदेशक मंडल की बैठक में लिया गया। पांच सदस्यीय चयन या खोज समिति की सिफारिश पर यह नियुक्ति की गई है। समिति में रतन टाटा, टीवीएस समूह के प्रमुख वेणु श्रीनिवासन, बेन कैपिटल के अमित चंद्रा, पूर्व राजनयिक रोनेन सेन तथा लॉर्ड कुमार भट्टाचार्य शामिल थे।

खोज समिति को प्रवर्तन कंपनी का नया प्रमुख ढूंढ़ने के लिए चार महीने का समय दिया गया था। लेकिन इस पर निर्णय इससे पहले कर लिया गया। टाटा संस के चेयरमैन पर चंद्रशेखरन की नियुक्ति ऐसे समय की गई है, जबकि कंपनी मिस्त्री के साथ राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण में कानूनी लड़ाई लड़ रही है। मिस्त्री ने खुद को हटाए जाने को चुनौती दी है।

मिस्त्री के परिवार के स्वामित्व वाली दो निवेश कंपनियों ने टाटा संस के खिलाफ एनसीएलटी में उनको निदेशक पद से हटाए जाने को चुनौती दी है। इसमें टाटा संस को छह फरवरी को बुलाई गई असाधारण आम बैठक रद्द करने का आदेश देने की अपील की गई है। यह ईजीएम मिस्त्री को हटाने के लिए बुलाई गई है।

चंद्रशेखरन क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेज, त्रिची, तमिलनाडु से कंप्यूटर एप्लिकेशंस में मास्टर्स करने के बाद टीसीएस से जुड़े थे। उनके नेतृत्व में टीसीएस ने 2015-16 16.5 अरब डालर की कमाई की। टीसीएस 2015-16 में देश की सबसे मूल्यवान कंपनी कंपनी बनी और इसका बाजार पूंजीकरण 70 अरब डॉलर से अधिक रहा।

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