इसके अलावा सिद्दीकी ने मायावती पर बसपा संस्थापक कांशीराम को भी अपमानित करने का आरोप लगाया। सिद्दीकी ने कहा कि मायावती ने 19 अप्रैल के अपने भाषण में कहा कि जब 2002 में उत्तर प्रदेश और पंजाब में विधानसभा चुनाव साथ हुए तो कांशीराम यूपी का सारा पैसा पंजाब लेकर चले गए और मुझसे कहा कि मैं पंजाब में सरकार बनाकर लौटूंगा। यूपी तुम्हारी जिम्मेदारी है। यूपी में हम 100 का आंकड़ा पार कर गए और कांशीराम पंजाब में खाता भी नहीं खोल पाए।उन्होंने कहा कि मैंने उनसे कहा कि जिन्होंने पार्टी की नींव रखी और आपको राजनीति समझाया और आप खुद को उनसे ऊपर कह रही हैं यह बात कार्यकर्ताओं को अच्छी नहीं लगी। साथ ही सिद्धीकी ने आगे कहा कि यही नहीं मायावती ने मुझसे पैसे की मांग की। उन्होंने कहा कि पार्टी को 50 करोड़ रुपये की जरूरत है। मैंने कहा कि मैं कहां से लाऊं तो बोलीं अपनी प्रोपर्टी बेच दो।
बता दें कि बसपा मुखिया मायावती का दाहिना हाथ कहे जाने वाले पार्टी महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी को ‘भ्रष्टाचार’ और ‘पार्टी विरोधी गतिविधियों’ में संलिप्तता के आरोप में बुधवार (10 मई) को पार्टी से निकाल दिया गया। बसपा महासचिव एवं राज्यसभा सदस्य सतीश चन्द्र मिश्र ने संवाददाता सम्मेलन में इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नसीमुद्दीन ने चुनाव के दौरान लोगों से पैसा लिया। और पार्टी की जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं किया।