नगालैंड में आतंकवाद रोधी अभियान में भरी चूक, सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए 10 ग्रामीण, अमित शाह ने कहा वह ‘आहत ‘ हैं

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गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि नगालैंड में भारत-म्यांमार सीमा पर भारतीय सुरक्षा बलों के उग्रवाद विरोधी अभियान के बुरी तरह विफल होने के बाद 10 निर्दोष नागरिकों के मारे जाने पर बहुत दुखी हैं। एक जवान के भी मारे जाने की खबर है। कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की है।

अमित शाह ने ट्वीट किया, ‘नागालैंड के ओटिंग में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना से दुखी हूं। जिन लोगों ने अपनी जान गंवाई है, उनके परिवारों के प्रति मैं अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। राज्य सरकार द्वारा गठित एक उच्च स्तरीय SIT इस घटना की गहन जांच करेगी ताकि शोक संतप्त परिवारों को न्याय सुनिश्चित किया जा सके।”

रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय सुरक्षा बलों ने मोन जिले के ओटिंग गांव के पास ग्रामीणों को ले जा रही एक बस पर गोलियों की बौछार कर दी। छह ग्रामीणों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य ने अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया।

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘यह दिल दहला देने वाला है। भारत सरकार को जवाब देना चाहिए। गृह मंत्रालय वास्तव में क्या कर रहा है? क्यूंकि अब न तो नागरिक और न ही सुरक्षाकर्मी अपने ही देश में सुरक्षित है?”

सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए लोग कोन्याक समुदाय के थे, जिन्होंने राज्य में चल रहे हॉर्नबिल महोत्सव का बहिष्कार करने का फैसला किया है। कुछ अन्य आदिवासी समूहों ने भी उत्सव का बहिष्कार करने का फैसला किया है, इस उत्सव में कई विदेशी राजनयिकों के शामिल होने की संभावना है।

सुरक्षा बलों द्वारा मारे जाने वाले ग्रामीण कोयला खदान में काम कर अपने घर लौट रहे थे जब उन्हें आतंवादी समझ कर उनकी निर्मम हत्या कर दी गयी।

इस बीच, सरकार ने अफवाहों के प्रसार को रोकने के लिए मोन जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है।

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