भारत के कट्टर टीवी एंकरों और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक और बड़ा झटका लगा है। क्योंकि, मुंबई की एक अदालत ने तबलीगी जमात से जुड़े 20 विदेशी नागरिकों को बरी कर दिया है जिनपर कोरोना वायरस (कोविड-19) लॉकडाउन के दौरान नियमों के आदेशों का उल्लंघन करने का आरोप लगा था। यह नागरिक दो अलग-अलग देशों के थे, उनमें से 10 इंडोनेशिया के हैं और अन्य 10 किर्गिज़स्तान के हैं।
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (अंधेरी) आर आर खान ने सोमवार को 20 लोगों को बरी कर दिया क्योंकि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को साबित करने में विफल रहा। अदालत ने कहा कि गवाहों के बयान रिकॉर्ड में लाए गए साक्ष्यों के विपरीत हैं। इसके अलावा गवाह यह भी नहीं बता पाए कि कथित अपराध के समय आरोपी कहां और कैसे रह रहे थे।
अंधेरी की डी एन नगर पुलिस ने गत अप्रैल में 20 विदेशी नागरिकों के दो समूहों के खिलाफ भादंसं की धाराओं 188 (लोकसेवक द्वारा लागू आदेश का उल्लंघन), 269 और 270 (घातक बीमारी के प्रसार की संभावना वाला कृत्य) के तहत मामला दर्ज किया था।
इन लोगों के खिलाफ विदेशी अधिनियम, महामारी अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया था। सत्र अदालत इन लोगों को भादंसं की धारा 307 (हत्या के प्रयास) और 304 (2) (गैर इरादतन हत्या) के आरोपों से पहले ही बरी कर चुकी है।
पिछले हफ्ते मुंबई के बांद्रा की एक अदालत ने 12 अन्य तबलीगी जमात के सदस्यों को कोरोना वायरस फैलाने के आरोपों से बरी कर दिया था। (इंपुट: भाषा के साथ)