उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव परिणामों में अब तक के रुझानों को अगर नतीजे मानें तो मोदी मैजिक ‘सुनामी’ में तब्दील हो गई है। आंकड़ों के मुताबिक, बीजेपी यूपी में स्पष्ट बहुमत से सरकार बनाने जा रही है। वहीं अखिलेश यादव की अगुवाई में सपा-कांग्रेस गठबंधन की करारी हार होती दिख रही है।
फोटो: India Todayइस बीच खबर आ रही है कि लखनऊ कैंट से समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) की उम्मीदवार रीता बहुगुणा जोशी से 33 हजार वोटों से हार गई हैं। चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक, रीता बहुगुणा जोशी को 95,402 वोट मिले हैं, जबकि दूसरे नंबर पर रहीं अपर्णा को 61,606 वोट मिले हैं।
26,036 वोटों के साथ बसपा के योगेश दीक्षित तीसरे नंबर पर रहे। मालूम हो, यह सीट खासी चर्चा में रही थी। भाजपा ने कांग्रेस छोड़कर आई रीता जोशी को मौका दिया था। मुलायम के साथ ही डिंपल यादव ने भी यहां रैली की और छोटी बहू के लिए वोट मांगे थे। मुलायम ने अपील की थी कि यहां मेरा मान रख लेना, लेकिन फिर भी अपर्णा हार गईं।
जानकारों का कहना है कि सपा की हार की मुख्य वजह पारिवारिक कलह और पार्टी में तोड़फोड़ सबसे बड़ा कारण बनी है। इस बीच चुनाव के दौरान पूरी तरह से किनारे कर दिए गए सपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने सीएम अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि यह घमंड की हार है।
शिवपाल ने इस हार को सपा की हार मानने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि शिवपाल ने कहा कि यूपी चुनाव में समाजवादियों की नहीं, घमंडी लोगों की हार हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता ने उन लोगों को सबक सीखा दिया है, जिन्होंने घमंड में आकर मेरा अपमान किया और नेताजी को हटाया।
शिवपाल ने कहा कि अखिलेश ने नेताजी यानी मुलायम सिंह यादव को पहले अध्यक्ष के पद से हटाया जिसका असर चुनावों में देखने को मिल रहा है। गौरतलब है कि ताजा रुझानों के मुताबिक ऐसा लग रहा है कि 2014 की मोदी लहर का जादू अभी भी बरकरार है।