केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि नोटबंदी के बाद डिजिटल लेनदेन, ऑनलाइन एवं मोबाइल लेनदेन कालेधन, भ्रष्टाचार के खिलाफ एक और मजबूत मुहिम है और मुस्लिम समाज को इस से जुड़ना चाहिए तथा मंत्रालय इस उद्देश्य के लिए कैशलेश चौपाल लगायेगा।
भाषा की खबर के अनुसार, नकवी ने कहा कि हमारा मंत्रालय अल्पसंख्यक समाज को कैशलेस व्यवस्था से जोड़ने के लिए बड़े पैमाने पर ‘‘कैशलेस चौपाल’’ लगाएगा जिससे हम लोगों को यह बताएंगे कि इससे जिंदगी कितनी आसान और बेहतर हो सकती है।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने डिजिटल पेमेंट की व्यवस्था पर जोर दिया है । गैस सब्सिडी, महात्मा गांधी नरेगा जैसी योजनाओं सहित 17 मंत्रालयों की लगभग 78 जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ सीधे लोगों के बैंक खातों में दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष नकद अंतरण से अभी तक 36 हजार करोड़ रूपये से ज्यादा सरकारी धन की बचत हुई है। कोयला, स्पेक्ट्रम, खानों की ऑनलाइन बोली लगाने की व्यवस्था से सरकारी खजाने में 3 लाख करोड़ रूपये की आमदनी हुई है। अल्पसंख्यक मंत्रालय ने 3 करोड़ छात्रों की 6715 करोड़ रूपये की छात्रवृति सीधे उनके बैंक खातों में भेजी है।
नकवी ने कहा कि इन सभी कदमों से विकास की रौशनी समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने में सफलता हासिल हुई है । उन्होंने कहा कि केंद्र और अन्य सरकारों द्वारा उनके सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक सशक्तिरण के लिए किये गए बड़े पैमाने पर खर्च के बावजूद मुस्लिम गरीबी रेखा के नीचे रह गये।
इसका मुख्य कारण बेईमानी और बिचौलियों का बोलबाला रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने बिना बिचौलियों के गरीबों तक सीधा लाभ पहुंचाने का अभियान शुरू किया जिसके चलते अब तक अरबों रूपए की होने वाली लूट रुकी है और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मुसलमानों सहित सभी गरीबों, जरूरतमंदों को हुआ है । लूट लॉबी पर लगाम लगी है।
नकवी ने कहा कि जब नोटबंदी जैसे बड़े और कड़े फैसले लिए जाते हैं तो कुछ तकलीफ जरूर होगी। लेकिन जनता इस तकलीफ को स्वीकार कर रही है क्योंकि कुछ समय की तकलीफ के बाद आम आदमी का भविष्य सुनहरा होगा।


















