मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक से लदी गाड़ी मिलने का मामला: शिवसेना ने NIA की जांच पर उठाए सवाल, मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर का किया बचाव; कहा- टीआरपी घोटाले को लेकर ‘दिल्ली का एक खास गुट’ परमबीर सिंह से नाराज था

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मुंबई पुलिस आयुक्त पद से परमबीर सिंह को हटाए जाने के दो दिन बाद शिवसेना ने शुक्रवार (19 मार्च) को उनका बचाव करते हुए कहा कि उनका तबादला उन्हें अपराधी नहीं बना देता है। सत्तारूढ पार्टी ने आरोप लगाया कि ‘दिल्ली का एक खास गुट’ उनके कार्यकाल के दौरान टीआरपी घोटाला सामने आने की वजह से उनसे नाराज चल रहा था।

परमवीर सिंह

सत्तारूढ पार्टी ने पिछले महीने देश के सबसे बड़े बिजनेसमैन और रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी के घर के निकट विस्फोटक लदे वाहन के खड़े होने की जांच एनआईए द्वारा अपने हाथों में लेने के कदम पर भी सवाल खड़े किए। पार्टी ने कहा कि यह जांच एजेंसी सामान्य तौर पर आतंकवाद से संबंधित मामलों की जांच करती है लेकिन इस मामले में आतंक का कोई पहलू भी नहीं था। बता दें कि, महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को सिंह का तबादला कर दिया। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पुलिस महानिदेशक हेमंत नागराले को सिंह की जगह नियुक्त किया गया।

‘सामना’ ने अपने मुखपत्र में कहा, ‘‘मुंबई के कार्माइकेल रोड पर एक वाहन में 20 जिलेटिन छड़ें रखी थी, जिसकी वजह से पिछले कुछ दिनों में राज्य की राजनीति और प्रशासन में भूचाल आ गया। परम बीर सिंह को मुंबई पुलिस आयुक्त पद से हटा दिया गया और वरिष्ठ अधिकारी हेमंत नागराले को उनकी जगह तैनात किया गया। ये सभी नियमित तबादले नहीं थे।’’

उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के निकट विस्फोटक भरा वाहन मिलने और यह वाहन रखनेवाले व्यक्ति मनसुख हिरेन की मौत को ले कर भाजपा ने कुछ सवाल खड़े किए थे लेकिन आतंक रोधी दस्ता (एटीएस) हिरेन की मौत की जांच कर ही रहा था कि एनआईए ने अंबानी के घर के निकट वाहन मिलने की जांच अपने हाथ में ले ली।

सामना में कहा गया कि उम्मीद है कि यह कदम राज्य सरकार की छवि खराब करने की नहीं है। उद्धव ठाकरे नीत पार्टी ने कहा, ‘‘एनआईए सामान्य तौर पर आतंकवादी गतिविधियों से संबंधित मामले की जांच करती है। इस मामले में आतंक का कोई पहलू नहीं है। फिर भी जांच एजंसी इसकी जांच के लिए आई है।? उरी, पठानकोट, पुलवामा की एजेंसी की जांच अब भी रहस्यमय बनी हुई है। मुंबई में 20 जिलेटिन छड़ों का मिलना एनआईए के लिए बड़ी चुनौती प्रतीत हो रहा है।’’

सामना में कहा गया कि परम बीर सिंह ने मुंबई पुलिस प्रमुख के तौर पर कोविड-19 महामारी जैसे मुश्किल वक्त में काम किया और पुलिस बल का मनोबल बढाया। सामना में कहा गया, ‘‘ उनके कार्यकाल के दौरान ही टेलिविजन रेटिंग प्वाइंट्स (टीआरपी) घोटाला प्रकाश में आया। दिल्ली का एक खास गुट इसको लेकर उनसे नाराज चल रहा था।’’

उन्होंने कहा कि सिंह का तबादला जरूर हुआ है लेकिन इससे वह अपराधी नहीं बन जाते हैं। शिवसेना ने विपक्ष पर हिरेन की मौत पर राजनीति करने और पुलिस बल का मनोबल गिराने का आरोप लगाया। (इंपुट: भाषा के साथ)

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