नई दिल्ली। दक्षिण-पूर्व रेलवे के लिए मंगलवार(21 फरवरी) की रात बहुत खास थी। इसकी खासियत यह थी कि उनकी एक ट्रेन में रेलवे के पूर्व कर्मी और पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी सफर कर रहे थे। धोनी ने विजय हजारे ट्रोफी में हिस्सा लेने के लिए झारखंड वनडे क्रिकेट टीम के साथ रांची से हावड़ा की यात्रा ट्रेन से करने को प्राथमिकता दी।
इसके साथ ही धोनी के 2000 के दशक के संघर्ष के शुरुआती वर्षों की यादें ताजा हो गई, जब वह खड़गपुर में टिकट इंस्पेक्टर थे। बता दें कि धोनी का रेलवे से पुराना नाता है। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आने से पहले धोनी खड़गपुर रेलवे स्टेशन पर टीटी थे।
उन्होंने यहां 2000 से लेकर 2005 तक नौकरी की थी। धोनी ने लंबे समय तक रेलवे की टीम की तरफ से भी क्रिकेट खेला है। रेलवे की टीम से खेलते हुए उन्हें क्रिकेट में शुरुआती पहचान मिली थी। पुरानी यादों को ताजा करते हुए धोनी ने मंगलवार को 18,616 क्रिया योग एक्सप्रेस के सेकंड एसी में यात्रा की। विजय हजारे ट्रॉफी में झारखंड की अगुआई कर रहे धोनी ने 13 साल बाद ट्रेन की यात्रा करते हुए कोई विशेष सेवा नहीं मांगी।
दक्षिण पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी संजय घोष ने बताया कि उन्होंने (झारखंड ने) विशेष कोच आरक्षित नहीं कराया था और धोनी ने अपनी टीम और अन्य सवारियों के साथ सेकंड एसी में यात्रा की। उन्होंने धोनी सहित 23 यात्रियों की बुकिंग कराई थी।
घोष ने बताया कि उनके पास धोनी की इस यात्रा को लेकर पहले से सूचना थी, इसलिए उन्होंने वर्ल्ड कप विजेता कप्तान की सुरक्षा के मद्देनजर रांची और हावड़ा में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर रखे थे। धोनी ने इस दौरान सोशल नेटवर्क पर अपने करोड़ों प्रशंसकों के लिए सोशल वेबसाइट इंस्टाग्राम पर सेल्फी भी डाली।