मां ने बेटी से किया था शादी के रिसेप्शन का वादा लेकिन इसके बजाय जिंदा जलाकर दिया मौत का तोहफा

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जीनत रफीक नाम की 18 साल की पाकिस्तानी लड़की को शादी किए हुए सिर्फ एक हफ्ता हुआ था तो जीनत की मां उसके पति से मिलने के लिए घर पहुंची और बेटी से शादी का रिस्पेशन देने के लिए कहा।

ये बात 18 वर्षीय पाकिस्तानी लड़की के लिए अजीब रही होगी क्योंकि उसकी मां परवीन बीबी अपनी बेटी की शादी से खुश नहीं थी क्योंकि बेटी ने परिवार की मंजूरी के बिना अपने साथ पढ़ने वाले हसन खान नाम के एक लड़के से भाग कर शादी की थी।

Photo courtesy: ndtv

लेकिन जब अचानक मां जीनत से मिलकर बोली तुम्हारी सब गलती माफ हो गई है घर आ जाओं तुम्हे भगौड़े का नाम दिया जाता है घर आओ जश्न मनाएंगे रिसेप्शन देंगे। इस बात पर जीनत राज़ी हो गई।

जब वो लाहौर अपने घर पहुंची वहां कोई जश्न नहीं था। उसके उलट मां ने बेटी की पिटाई शुरु कर दी और उसका गला घोंटा और चारपाई से बांध दिया और कैरोसिन डाल दिया और आगस लगा दी।

मारने के बाद परवीन भागती हुई आई और चिल्लाने लगी ” मेंने अपनी बेटी को मार दिया है हमारे परिवार का नाम उसने बदनाम कर दिया था”

18 वर्षीय अपनी पुत्री को जिंदा जलाने के पाकिस्तान में परवीन को मौत की सजा सुनायी गई। कुछ ही महीने पहले संसद ने ‘झूठी शान के लिए हत्या’ के वास्ते सजा का एक नया कानून बनाया था।

लड़की जीनत रफीक को उसकी मां परवीन बीबी ने जून 2016 में जिंदा जलाया था। वह एक सप्ताह पहले हसन खान नाम के व्यक्ति से यहां एक अदालत के समक्ष विवाह करने के लिए घर से भाग गई थी।

परवीन ने इससे पहले अपनी पुत्री की परिवार की बदनामी करने के लिए हत्या करने की बात कबूल की थी। पुलिस ने संदेह व्यक्त किया था कि इस कृत्य में परवीन की उसके पुत्र और एक दामाद ने मदद की थी। लाहौर स्थित आतंकवाद निरोधक अदालत के न्यायाधीश चौधरी मोहम्मद इलियास ने परवीन को झूठी शान के लिए हत्या मामले में मौत की सजा सुनायी।

जीनत के भाई अनीस को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गई। अदालत ने यद्यपि दामाद जफर को बरी कर दिया। अदालत में दोनों दोषियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने पहले जीनत की पिटायी की थी और उसके बाद उसकी मां ने उसे बिस्तर से बांध दिया और उस पर केरोसिन का तेल डालकर आग लगा दी। परवीन अदालत में पेश हुई और जीनत की मौत की जिम्मेदारी स्वीकार की। जीनत का पति हसन खान गत जून में अपनी पत्नी को उसके घर भेजने पर तैयार हुआ था। हसन खान अपनी पत्नी को तब उसके घर भेजने को तैयार हुआ जब उसके परिवार ने दोनों का पारंपरिक तरीके से विवाह कराने की बात कही थी।

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