तथाकथित गौ रक्षकों द्वारा मुसलमानों और दलितों के खिलाफ आतंकी घटनाओं में तेज़ी के बाद जब दलितों ने भाजपा के खिलाफ प्रहार तेज़ किया तो भगवा पार्टी में हड़कंप मच गयी। पार्टी लीडरशिप को जल्द ही एहसास हुआ कि अगर समय रहते कुछ नहीं किया गया तो 14 साल बाद भाजपा और नरेंद्र मोदी का गढ़ रहे गुजरात से सत्ता है।
मौके की नज़ाकत को भांपते हुए मोदी ने शनिवार को अपने टाऊनहॉल भाषण में गौरक्षकों को खरी खोटी सूना डाली, कहा वो गौ के नाम पर लोगों को प्रताड़ित करने वाले असामाजिक तत्त्व हैं।
मोदी के इस हैरान करने वाले बयान ने सिर्फ प्रधानमंत्री के विरोधियों को अचम्भित किया बल्कि खुद उनके समर्थक भी खासे नाराज़ दिखे। सोशल मीडिया पर ‘गर्व से कहो गौरक्षक हैं ‘ ट्रेंड करवाया गया तो कुछ हिंदुत्व समर्थकों ने मोदी को चेतावनी दे डाली कि वो वाजपेयी जैसा उदारवादी सेक्युलर नेता बनने की हिमाक़त न करें।
हिन्दी न्यूज चैनल एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय महासचिव मुन्ना कुमार शर्मा ने कहा, ” अगर गौ रक्षा में कुछ घटनाये हो जाती हैं तो मारपीट करने वालों को जेल भी भेजा जाता है। लेकिन 70-80 फीसदी लोगों को अपराधी कहना गलत है।”
गाय की सेवा के नाम पर ठेकेदारी करने वालों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीधा संदेश दे दिया है। गोरक्षा के नाम पर गुंडागर्दी नहीं चलेगी। गाय के पीछे अब छुपकर अपराधी अब नहीं रह पाएंगे।
कल टाउनहॉल में दिए अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा, ”कभी-कभी गोरक्षा के नाम पर कुछ लोग दुकानें खोलकर बैठ जाते हैं। मुझे इतना गुस्सा आता है…. ये लोग पूरी रात एंटी सोशल एक्टिविटी करते हैं। लेकिन दिन में गोरक्षक का चोला पहन लेते हैं।”