अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने भारत आने से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का लोकसभा चुनाव के वक्त लोकप्रिय नारा ‘मोदी है तो मुमकिन है’ का जिक्र करते हुए भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को अगले चरण पर ले जाने की इच्छा व्यक्त की और कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और मोदी प्रशासन के पास ऐसा करने का अद्वितीय अवसर है। पोम्पिओ ने भारत और अमेरिका के संबंधों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने को लेकर यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारत में नारा चला था कि ‘मोदी है तो मुमकिन है’, दोनों देशों के बीच संबंधों में भी ऐसा हो सकता है।
पोम्पिओ ने ‘इंडिया आइडियाज समिट ऑफ अमेरिका-इंडिया बिजनेस काउंसिल में भारत की नीति संबंधी अपने अहम भाषण में बुधवार को कहा, ‘जैसा कि प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी ने अपनी हालिया प्रचार मुहिम में कहा था, ‘मोदी है तो मुमकिन है, तो उसी के ध्यान में रखकर मैं यह पता लगाना चाहता हूं कि हमारे लोगों के बीच क्या संभव है।’ इस महीने नई दिल्ली की अपनी यात्रा और मोदी एवं विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात के लिए उत्सुक पोम्पिओ ने कुछ ‘बड़े विचारों और बड़े अवसरों का जिक्र किया, जो द्विपक्षीय संबंध को नए स्तर पर ले जा सकते हैं।
उन्होंने अपने भारत मिशन की जानकारी देते हुए कहा कि उनका वास्तव में मानना है कि दोनों देशों के पास अपने लोगों, हिंद-प्रशांत क्षेत्र और दुनिया की भलाई के लिए एक साथ आगे बढ़ने का अद्वितीय मौका है।’ पोम्पिओ 24 से 30 जून तक भारत, श्रीलंका, जापान और दक्षिण कोरिया की यात्रा करेंगे। पोम्पिओ ने कहा कि ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका रक्षा सहयोग को एक नए आयाम पर लेकर गया है, उन्होंने हिंद-प्रशांत के लिए साझे दृष्टिकोण को मजबूत किया है और आतंकवाद के लिए पाकिस्तान के अस्वीकार्य सहयोग के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है।
#WATCH: US Secretary of State Mike Pompeo, at the India Ideas Summit, in the US says, "…as Prime Minister Modi said in his latest campaign, he said 'Modi hai to mumkin hai', Modi makes it possible. I'm looking forward to exploring what's possible between our people." pic.twitter.com/jgta6OhhQd
— ANI (@ANI) June 12, 2019
पोम्पिओ ने कहा कि अब ट्रम्प और मोदी प्रशासन के पास ”इस विशेष साझेदारी को और आगे ले जाने का अद्वितीय अवसर है। उन्होंने कहा कि उनके पास अपने नए समकक्ष जयशंकर के रूप में मजबूत साझीदार है। जयशंकर अमेरिका में भारत के राजदूत भी रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘उन्होंने अप्रैल में अपने एक भाषण में कहा था कि वह अमेरिका के साथ और अच्छे संबंध बनाना चाहते हैं और यह भावना दोनों ओर से है। हम आगे बढ़ना चाहते हैं।’ पोम्पिओ ने कहा कि इसके लिए दोनों देशों को अब तक के सबसे मजबूत संबंध बनाने होंगे।
उन्होंने कहा, ‘मजबूत संबंध बनाने का मतलब इन व्यक्तिगत मित्रवत संबंधों को आधिकारिक बनाना है। हमने पिछले साल रक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर ‘2 प्लस 2 वार्ता शुरू की थी। हमने हिंद-प्रशांत में एक जैसी सोच रखने वाले लोकतांत्रिक देशों भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया के बीच चतुर्भुज संवाद (क्वाड डायलॉग) में भी फिर से जान फूंकी है। ये सभी अच्छे कदम हैं।’ उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका को ऐसे सामरिक ढांचे को अपनाना होगा जो दोनों देशों के लिए कारगर हो। (इनपुट भाषा के साथ)