3000 करोड़ रुपये की लागत से बने ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के उद्घाटन समारोह के लिए मोदी सरकार ने विज्ञापन पर खर्च किए 2.64 करोड़ रुपये, RTI से हुआ खुलासा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 31 अक्टूबर को दुनिया की सबसे ऊंची सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को देश को समर्पित किया था। इस वक्त यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है। पीएम ने पटेल की 143वीं जयंती पर प्रतिमा का उद्घाटन किया था। इस बीच एक सूचना का अधिकारी (आरटीआई) के जवाब में बुधवार को यह खुलासा हुआ कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा) के उद्घाटन समारोह के लिए मीडिया में प्रचार पर 2.64 करोड़ रुपये से ज्यादा पैसे खर्च किए।

File PHoto: PMO

समाचार एजेंसी IANS के मुताबिक, मुंबई के आरटीआई कार्यकर्ता जतिन देसाई ने प्रतिमा के उद्घाटन पर विभिन्न मीडिया में खर्च हुई राशि की जानकारी आरटीआई के तहत मांगते हुए सूचना व प्रसारण मंत्रालय को पत्र लिखा था। मंत्रालय के ब्यूरो ऑफ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन ने 9 जनवरी को जवाब में कहा कि सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में कुल 2,62,48,463 रुपये और अन्य 1,68,415 रुपये प्रिंट मीडिया में विज्ञापनों पर खर्च किया। बता दें कि 182 मीटर ऊंची मूर्ति के निर्माण पर लगभग तीन हजार करोड़ रुपये की लागत आई है। जाने माने मूर्तिकार राम वी सुतार ने इसको बनाया है।

देसाई ने कहा, ‘इस राशि को सरकार द्वारा उद्घाटन पर कुल खर्च में शामिल नहीं किया गया, इसके साथ ही आउटडोर विज्ञापन की जानकारी ब्यूरो के पास उपलब्ध नहीं है। इस तरह की बड़ी राशि को विज्ञापन व भव्य समारोह पर खर्च किए जाने को सही नहीं ठहराया जा सकता, जब प्रतिमा के आसपास के लोग जनजातीय व गरीब हों।’ बता दें कि गुजरात में वडोदरा से सौ किलोमीटर दक्षिण पूर्व में स्थित केवडिया के पास नर्मदा नदी के एक द्वीप पर सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची विशाल यह प्रतिमा स्थित है।

जानिए प्रतिमा के बारे में खास बातें

सरदार पटेल के सम्मान में बन रही ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है और महज 33 माह के रिकॉर्ड कम समय में बनकर तैयार हुई है। यह प्रतिमा 182 मीटर ऊंची है। यह चीन में स्थित स्प्रिंग टेंपल की बुद्ध की प्रतिमा (153 मीटर) से भी ऊंची है और न्यूयॉर्क में स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से लगभग दोगुनी ऊंची है। अमेरिका की स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की ऊंचाई 93 मीटर है।

यह प्रतिमा गुजरात के नर्मदा जिले में सरदार सरोवर बांध के पास साधु बेट नामक छोटे द्वीप पर स्थापित की गई है। इस प्रतिमा के निर्माण में 70,000 टन से ज्यादा सीमेंट, 18,500 टन री-एंफोंर्समेंट स्टील, 6,000 टन स्टील और 1,700 मीट्रिक टन कांसा का इस्तेमाल हुआ है। इस मूर्ति का निर्माण 2,989 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। कांसे की परत चढ़ाने के एक आशिंक कार्य को छोड़ कर इसके निर्माण का सारा काम देश में किया गया है।

यह प्रतिमा नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध से 3.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रैफ्ट निर्माण का काम वास्तव में 19 दिसंबर, 2015 को शुरू हुआ था और 33 माह में इसे पूरा कर लिया गया। इसका काम बुनियादी ढांचे से जुड़ी दिग्गज कंपनी लार्सन एंड टुब्रो को अक्टूबर 2014 में सौंपा गया था। काम की शुरूआत अप्रैल 2015 में हुई थी। स्टैच्यू आफ यूनिटी जहां राष्ट्रीय गौरव और एकता का प्रतीक है वहीं यह भारत के इंजीनियरिंग कौशल तथा परियोजना प्रबंधन क्षमताओं का सम्मान भी है।

 

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